World Humanitarian Day 2021-कुछ लोग ज़िंदगी को अपने लिए जीते है, पर कुछ ऐसे भी होते है. जो अपनी ना सोचते हुए सिर्फ़ दूसरो के लिए जीते है और अपनी जान नौछावर कर जाते है. ऐसे लोगों को एक श्रद्धांजलि के तौर पे, उनके मूल्यो और कार्यो को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए भी विस्व मानवीय दिवस मनाया जाता है. इस दिन (विश्व मानवतावादी दिवस) को मानने का निर्णय सयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीडिश प्रस्ताओ के तौर पर किया गया था. इसके मुताबिक किसी आपातकाल की स्थिति में सयुक्त राष्ट्र देशो द्वारा आपस में सहयता के लिए मानवीय आधार पर पहेल की जा सकती है. इस दिवस को महत्पूर्ण रूप से साल 2003 में सयुक्त राष्ट्र के बग़दाद, इराक़ स्तिथ मुक्यलया पर हुए हमले की वर्षगाथ के रूप में मनाया जाना आरंभ किया गया था. ये World Humanitarian Day 2021 दुनिया में मानव को प्रेरित करने वाली भावना पर जस्न मनाने का भी एक अवसर है, इसका उद्देश्या उन लोगो की पहचान भी करना है. जो दूसरों की मदद करने में विपरीत परिस्थितियो का सामना कर रहे है, या करते है और मानवता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. ख़ास कर जब इंसान इस कारोना काल में सबकुछ होने के बाद भी असहाए महसूस कर रहा है, महामारी ने हर तबके के लोगों को परेशान किया है और अगर ग़रीब लोगों की दशा को देखा जाए तो लॉकडाउन ने उनको सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है. कुछ के पास तो दो वक़्त का भोजन भी नही है, तो ऐसे में मानवीयता के आधार पर मदद की बेहद ज़रूरत है.

आज की स्थिति
आज कई देश अपने ही देश पर हमला कर के देशवासियों को नुकसान पहुचा रहे हैं, एक दूसरे की मदद करने में झिझक महसूस करना आज के समय में आम हो गया हैं. अफ्रीका जैसे देशों में भूख लोगों की मौत का कारण बन रही है तो कुछ देश अंदरूनी कलह का शिकार है. निरंतर सामजिक पतन मानवता का गला घोट रहा है.
ऐसे दिनोंWorld Humanitarian Day 2021 की जरूरत हमारी दुनिया के विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित होती है. अफ्रीका एशिया और कई अन्य देशों में लोग भुखमरी, आतंकवाद अकाल जैसी स्थिति झेल रहे है.. बच्चे और महिलाये आए दिन दुर्दशा का उत्पीड़न का शिकार हो रही है.
ऐसे हालात में सिर्फ एक संगठन काफ़ी नहीं होगा.. हमे मिल के आगे आना होगा और विकास में योगदान देना होगा हर किसी को मानवता की जरूरत है, यही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये हम मानव जाति का कुछ भला कर सकते है.
पिछले दीनो हमने देखा जब लाखो की तादाद में मजदूर सड़क के रास्ते अपने घरो की और चल पड़े थे, उनको बेहद दर्दनाक व्यवस्था का सामना करना पड़ा ऐसे में बड़ी तादाद में लोग बीमारी में अपनी जान का रिस्क लेकर भी सामने आए और ज़रूरतमंद ग़रीब मजदूरो की सहायता की.
आज के दौर में जब आप के पास वक़्त की बेहद कमी है और जीवन काफ़ी व्यस्त है. इस वक़्त आपको आत्मीयता की बहुत आवशकता है.
इस दिन का उद्देश् (Purpose of World Humanitarian Day 2021)
इन दिन क उद्देश् उन लोगों की पहचान करना है जो विपरीत प्रिस्थितीयो को झेल रहे है इसको 19 अगस्त को पूरी विश्व में मनाया जाता है और इसका उद्देश् हर किसी को मानवीय कार्यो के लिए प्रेरित करना है. बहुत सारे संगठन ऐसे दीनो में सामने आकर पीड़ित लोगों की मदद करते है जिसे मानवीय कार्यो में कुछ योगदान के तौर पे देखा जा सकता है.
इस वर्ष हम 12 वा राष्ट्रिय मानवीय दिवस World Humanitarian Day 2021 माना रहे है, ऐसे वक़्त जब सारा विश्व कारोना जैसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहा है. ऐसे में ये दिन बेहद महत्पूर्ण होगा इस दिन हम अपने मानववता वादी लोगों को उनके किए मानवीय कार्यो के लिए याद करते है, जो हमारे बीच नही है उनको याद भी करते है.
इस दिन World Humanitarian Day का इतिहास
इस दिन World Humanitarian Day (विश्व मानवतावादी दिवस) को मानने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार 2008 में मनाया, एक प्रस्ताओ पारित किया गया जिसको स्वीडेन ने पारित किया, 18 साल पहले ईरान की राजधानी बग़दाद में 19 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र पर हमला हुआ था. जिसमे संयुक्त राष्ट्र के 22 सहकर्मियो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. इस हमले में इराक़ के महासचव के मुक्या प्रतिनिधि सर्गिओ की भी बम विस्पोट के कारण मृत्यु हो गयी थी. इसके बाद इस दिन को मानवता दिवस के रूप में मानने का फ़ैसला किया गया.
ग्लोबल स्तर पर इसकी ज़रूरत
अफग़ानिस्तान, आफ्रिका, कांगो, इराक़, सोमानिया और यमन में हुए हमलो में 2600 या उससे ज़्यादा की मरने की सूचना सयुक्त राष्ट्र ने दर्ज की थी, इन देशो के नागरिक़ो को निशाना बना कर उनकी हत्या की जाती है. ऐसे में लोग तरह तरह की भयावह स्थियो के शिकार होते है और विस्थपित होते है.
एक प्राइवेट कंपनी के आकड़े के अनुसार ऐसे लोगो की संख्या तकरीबन 7 करोड़ के आसपास है, काई जगह पे बच्चो को इन लड़ाइयो में भागीदार बनाया जाता है
जिसके चलते उनका जीवन धरती में नर्क की अनुभूति से ज़्यादा कुछ बन के नही रह जाता है, महिलाओ के साथ अत्याचार रेप घिनौनापन ऐसे देशो में आम है और जो लोग इनकी सेवा करने में आगे आते है, उनकी किसी भी प्रकार की मदद करते है, तो ये लोग उनको भी निशाना बना कर मौत के घाट उतार देते है.
काई बार धमकिया देकर उन्हे देश निकाला दे दिया जाता है.
क्यू ज़रूरी है World Humanitarian Day 2021 ये दिन
आतंकी हिंसा और तरह तरह के ख़तरो के बीच ये दिन एक ढाल के रूप में कार्य करता है, कुछ देश जो ऐसी समस्या का शिकार है, वाहा मानवता कर्मियो का काम बहुत अहमियत रखता है.
ऐसे संकाटो के बीच ज़रूरत में लोगों को खाना, पानी,स्वस्थ शिक्षा जैसी बुनियादी ज़रूरते पहुचना जिससे लोग रोज जूझते है. ऐसे लोग जो इससे जुड़े है, उनके लिए ऐसे दिनो का महत्व काफ़ी बढ़ जाता है और उनके कार्यो को एक नयी दिशा मिलती है.
लोगों का इसके ज़रिए विकास भी होता है जो काम करते है वो उत्साहित भी होते है.
क्या काम है मानवतावादी सहकर्मियो का ?world huminatarian day 2021 in hindi
ये कर्य दया भावना, सहनभूति, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के साथ काई ज़रूरी सीधांतो पे आधारित है, मानवता वाडी सहायता कर्मी आपदा से जूझ रहे देशो, जिलो, समूह, राष्ट्र समूह अथवा लोगों की सहायता बिना किसी धर्म जाती लिंग पे आधरित भेदभाओ किए बिना उनका फिर से विस्थापन अथवा पुनर्वास करने का काम करते है.
इस तरह का काम करना अपने आप में एक मिशाल है और हमारा कर्तव्या बनता है की ऐसे कामो को करने वालो को बढ़ावा मिले उनको चिन्हित कर के उनको सम्मानित किया जाए
भारत के इतिहास में अनेक मानवतावादी विचारधाराओं में लीन लोग रहे है. जो हमारे टूटे देश को फिर से जोड़ के आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते आए है.
गांधी जी ने जिस तरह से हमारे देश में चल रहें आन्दोलनों को दिशा दी उनको सम्भाला ऐसे कार्य किए जिससे हमारे पीड़ित लोग फ़िर से उठ के अपनी जीवन व्यवस्था में शामिल हो सके सुधार कर सके तो वो एक बहुत ही खूबसूरत उदाहरण है.
हमारी इस बात को सुन्दर रूप से पेश करने में.. हमने मदर टेरेसा के बारे में पढ़ा है उन्होंने जैसे अभियान चलाये हमे आगे बढ़ाने में भूमिका निभाए और हर नये समय साल दर साल कोई नया मसीहा हमारी नजर में आकर हमारी संस्कृति को विरासत को बढ़ाने आगे आता रहा.
जो एक मानवतावादी रूप में काम करके खुद को हमारे सामने एक उदाहरण बना कर ही गया है.
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अगर वर्तमान की बातें करे तो हमारे बहुत से पत्रकार, डाक्टर और एक नाम जो फ़िल्म जगत से है और चर्चित रहा सोनू सूद भी काफी लोकप्रिय हुए और अहम भूमिका ऐसे कार्यो में निभाई जो एक नई दिशा की ओर हमे ले जा रहे है
ग्लोबल स्तर पर भी कुछ लोग ऐसी योजना चला रहे है जिसके विस्थापित और सताए हुए लोगों की मदद हो सके और उनको जीवन जीने के लिए जिन बेसिक व्यवस्थाओ की ज़रूरत होती है.
उन्हे मिल सके सयुक्त राष्ट्र सभा की खुद की इकाई भी इन कार्यो में लगी हुई है वो उन देशो से साथ भी सपर्क मे रहते है जो ऐसी समस्याओ से जूझ रहे है तथा उन देशो को कर्ज़ व्यवस्था पहुचने का कम करते है