World Human Rights Day 2021
समाज के हर व्यक्ति को अपना जीवन अपने हिसाब से जीने का पूरा अधिकार है और यह एक सही तथ्य भी है क्योंकि आजादी हर किसी के हिस्से में होने चाहिए। आजादी का तात्पर्य हर तरह की आजादी है।
इसमें कोई बाधा ना आए और कोई किसी की आजादी को न छीन पाए इसके लिए कानूनन अधिकार नियम बनाए गए हैं। हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की पूरी आजादी मिलनी चाहिए।
कोई कैसे जीना चाहता है, वह क्या पसंद करता है, कैसे पहनावा पहनता है, कौन सी भाषा बोलता है यह उसकी अपनी पसंद व मर्जी है।धर्म-जाति जैसी चीजें हमने खुद बनाई है इसलिए कोई व्यक्ति किसीभी धर्म-जाति का हो या कोई धर्म-जाति अपनाना चाहता है हमें उसका सम्मान करना चाहिए।
हम सभी मानव है और सभी सामान तत्वों से बने हैं। इस प्रकार हम सभी एक बराबर हैं। इसलिए किसी को किसी से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। इसी मुद्दे को उठाने व लगातार संशोधन करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
आप समझ ही गए होंगे आज का हमारा विषय मानवाधिकार दिवस World Human Rights Day 2021 है जिसके ऊपर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
मानवाधिकार क्या है?(What Is Human Right )
मानवाधिकार वे भौतिक, सैद्धांतिक, कानूनी व व्यक्तिगत अधिकार है जो मानव को जन्मजात से ही प्राप्त है। और यह मानव व्यवहार से संबंधित कुछ निश्चित मानक स्थापित करता है। मानवाधिकार मानदंड है जो व्यक्ति के अधिकार की सीमाओं को सुनिश्चित तथा निर्धारित करते हैं।
मानवाधिकार दो शब्दों के मेल से बना है, पहला मानव और दूसरा अधिकार जिसका अर्थ है मानव का अधिकार।
मानवाधिकार के अंतर्गत जीवन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, अभिव्यक्ति का अधिकार, धार्मिक जातिगत समानता अधिकार, सामाजिक सांस्कृतिक व राजनीतिक तथा अन्य विशेष अधिकार शामिल है।
यह अधिकार आधारभूत अधिकार है जिन्हें छीना नहीं जा सकता। समाज का हर एक व्यक्ति एक समान है चाहे वह कोई भी हो और कहीं से भी हो।
HDR मानवाधिकार हमारे यानी मानव के मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिससे मानव को किसी भी जाति, धर्म, समुदाय, राष्ट्र, नस्लया लिंग के आधार परसुखी, सम्मानित व बंधन मुक्त जीवन जीने वाली सुविधाओं से वंचित ना किया जा सके।
दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को जन्मजात से ही स्वतंत्रता और समानता का अधिकार प्राप्त है क्योंकि अधिकार ही मानव के गरिमा का परिचय है।
मानवाधिकार को आधारभूत अधिकार, जन्मसिद्ध अधिकार, मूल अधिकार, अंतर्निहित अधिकार तथा नैसर्गिक अधिकार के नाम से भी जानते हैं।
मानवाधिकार दिवस क्या है?(What Is Human Rights Day 2021)
मानवाधिकार दिवस World Human Rights Day 2021 हमारे अधिकारों को सुनिश्चित करने व इस विषय याद दिलाने तथा इस मुद्दे पर हमाराध्यान केंद्रित करने का एक अहम दिन है।मानवाधिकार की परिभाषा संयुक्त राष्ट्र के अनुसार,‘प्रत्येक व्यक्ति को जाति, धर्म, लिंग, भाषा, राष्ट्रीयता,नस्ल या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किए बिना समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है।‘
मानवाधिकारों की श्रेणी में स्वतंत्र जीवन का अधिकार गुलामी व यातना से मुक्ति का अधिकार, शिक्षा व व्यवसाय का अधिकार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है।
मानवाधिकार दिवस का इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार ई.पू.539 में मानवाधिकार की शुरुआत होना आरंभ हुआ जब साइरस ने बेबीलॉन पर विजय प्राप्त की थी और सभी बंदी गुलामों को आजादी प्रदान थी।मानवाधिकारों के लिए मजबूती सुरक्षा व सहूलियत लाने के उद्देश्य से भारत में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 को अपनाया गया।
10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पेरिस में मानवाधिकार की घोषणा को स्वीकारा गया यह पहला प्रयास था जिसमें पहली बार मानव के अधिकारों को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को Declaration of Human Rights, UDHR मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा की anniversary के आधार पर मानवाधिकार दिवस मनाते हैं।
वर्ष 1991 के पेरिस के संयुक्त राष्ट्र बैठक (सिद्धांतों का समूह) के चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की स्थापना व संचालन सुनिश्चित हुआ।
इसकी शुरुआत व उद्देश्य
पहली बार 10 दिसंबर 1948 को United Nations द्वारा मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर व्यक्ति के अधिकारों का मुद्दा उठाया गया था।
1948 में मानवाधिकार दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था,संयुक्त राष्ट्र के 56 सदस्य देशों द्वारा यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स को स्वीकारा गयाऔर 1950 ईस्वी में इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पास किया गया था।
10 दिसंबर 1950 पहला मानवाधिकार दिवस मनाया गया और तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाने लगा।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मानव अधिकारों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है जिससे कि सभी देश की सरकार और जनता का ध्यान मानव अधिकारों की ओर केंद्रीयव आकर्षित किया जा सके। मानव के संपूर्ण विशेष हितों व अधिकारों के महत्व के प्रतिदेश के नागरिकों को जागरूक करना।
भारत में 28 सितंबर,1993 को मानव अधिकार कानून में शामिल किया गया था।इसके बाद 12 अक्टूबर, 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना हुई थी।
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विश्व मानवाधिकार दिवस 2021 की थीम क्या है(World Human Rights Day 2021 Theme)
विश्व मानवधिकार 2021 की थीम -ं “एकता, सामाजिक-आर्थिक नवीनीकरण और राष्ट्र निर्माण का वर्ष।” है.
इंग्लिश में “The year of unity, socio-economic renewal and nation-building.”है।
मानवाधिकार दिवस की महत्वता(Importance of World Human Rights Day 2021)
पृथ्वी पर रह रहे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मानवाधिकार दिवस World Human Rights Day 2021 का एक विशेष महत्व है। विशेष तौर पर उन देशों में इस दिवस का महत्व मायने रखता है जिन देशों में वहां की सरकार अपने देश के नागरिकों के अधिकारों व उनके हितों की ओर विशेष ध्यान केंद्रित नहीं करती।
इसलिए इस दिवस का आयोजन दुनिया भर के लिए खास है। दुनिया भर के सभी देश अपने नागरिकों के हितों की रक्षा कर सकें और उनको सभी समान अधिकार प्रदान कर सके इसके लिए मानवाधिकार दिवस का उत्सव महत्वपूर्ण हो जाता ।
अक्सर लड़ाई-झगड़ों में अमीर व्यक्ति गरीब व्यक्ति को या फिर बड़ी जात का व्यक्ति छोटी जाति के व्यक्ति को अपमान का अपमान करते हैं उन्हें नीचा दिखाते हैं जो कि शर्म की बात है।
कई देशों में धार्मिक व जातिगत दंगे फसाद भी हो जाया करते हैं उन दंगों में कमजोर वर्ग के लोगों को दबाया जाता है।इसलिए प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया जाता है जिससे कोई विशेष देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग व सरकारें मानवाधिकार को समझें व इसके प्रति जागरूक हो।
मानवाधिकार परिषद( World Human Rights Day 2021 )
मानवाधिकार परिषद 15 मार्च 2006 में गठित एक अंतर सरकारी निकाय है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा गठित किया गया था। मानवाधिकार परिषद को पहले मानवाधिकार आयोग के नाम से जाना जाता था।
मानवाधिकार आयोग की स्थापना 1946-47 में सामाजिक व आर्थिक परिषद की एक कार्यात्मक समिति के रूप में हुई थी। आयोग का मुख्य कार्य अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय बिल, नागरिक स्वतंत्रता, प्रतिवेदन तैयार करना, स्त्रियों की दशा तथा मानवाधिकार संबंधी विषयों के प्रति अपनी अनुशंसाओं,राय, सुरक्षा के उपाय प्रकट करना था।
मानवाधिकार आयोग में 53 सदस्य देश थे जबकि मानवाधिकार परिषद में 43 सदस्य देश हैं। यह परिषद किसी भी देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन का गहन विश्लेषण करती है। मानवाधिकार परिषद के पास मानव अधिकार से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों तथा विषयोंको सामने रखने तथाउन पर चर्चा करने का पूरा अधिकार होता है।
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भारत में मानवाधिकार आयोग का गठन:-
भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (स्वायत्त विधिक संस्था) की स्थापना 12 अक्टूबर,1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अंतर्गत की गई थी।
यह संविधान द्वारा दिए गए मानवाधिकारों जैसे की स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, व्यक्ति के जीवन क अधिकारों की रक्षा करता है।जिससे लोगों को उनके मानवाधिकारों से वंचित ना किया जा सके।
मानव अधिकार का संविधान में उल्लेख
आत्म-सम्मान से जीने के लिए और अपने जीवन में विकास करने के लिए हम पूरी तरह से स्वतंत्र रहना होगा।भेदभाव और समानता सिर्फ भारत में ही नहीं होता बल्कि यह पूरे विश्व में फैला हुआ है। इसीलिए सरकार द्वारा कई अनुच्छेद बनाए गए हैं जो हर व्यक्ति को स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। हर एक व्यक्ति को जन्म से ही नस्ल, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता,लिंग, वेशभूषा आदि के आधार पर स्वतंत्रता का मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार प्राप्त है।
मानवाधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा में प्रस्तावना एवं कुल 30 अनुच्छेद शामिल हैं।
अनुच्छेद 1 से अनुच्छेद 20 तक में व्यक्ति के नागरिक व राजनीतिक अधिकारों की व्याख्या की गई है।
अनुच्छेद 21 से अनुच्छेद 30 तक व्यक्ति के सामाजिक आर्थिक तथा सांस्कृतिक अधिकारों को शामिल किया गया है।
अनुच्छेद 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 39, 43, 45द्वारा मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

New Updates of World Human Rights Day 2021 :-
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हाल ही में जिनीवा में स्थित मानवाधिकार परिषद के लिए 18 नए सदस्य देश निर्वाचित किए हैं जिसमें अमेरिका, भारत, कतर, कैमरून, मलेशिया, फिनलैंड, अर्जेंटीना, मोंटेनीग्रो सहित अन्य को भी शामिल किया गया है। यह नए सदस्य देश अपना 3 वर्षीय कार्यकाल 1 जनवरी, 2022 से शुरू करेंगे।
Conclusionn World Human Rights Day 2021 :-
आज का कड़वा सच है कि भेदभाव अभी भी होते हैं। लोग आज भी रंग तथा वेशभूषा तक के आधार पर भेदभाव किया करते हैं।लोग लिंग के आधार पर भेदभाव करते हैं।
पुलिस-थाना, कोर्ट-कचहरी में लोग आपकी हैसियत के आधार पर आपके साथ व्यवहार करते हैं। कमजोर वर्ग के लोगों को आज भी दबाया जाता है।
ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों को हमें याद दिलाते रहना होगा और उन्हें बताना होगा कि असमानता करना गलत है यह अन्याय व अपराध है। हर किसी को समान अधिकार मिलना चाहिए।
इसलिए हमें हर वर्ष इस दिवस को मनाने का तथा लोगों में मानव अधिकार के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करते रहना होगा। तब तक करते रहना होगा जब तक पूरी तरह से दुनिया में भेदभाव खत्म नहीं हो जाता।
काजल पांडेय affairsworld में एक लेखिका हैं जिनको बिज़नेस , जीवनी आदि जैसे विषय के बारे में जानकारी तथा ३ वर्षो का अनुभव भी है।