कौन है पीयूष जैन असीमित संपत्ति रखने वाला इत्र व्यापारी पीयूष जैन ?
Who is Piyush Jain-व्यक्ति के साधारण हुलिये से व्यक्ति के जीवन तथा व्यक्तित्व के बारे में ठीक ठीक आकलन कर पाना बेहद कठिन होता है। यह बात आज पहले कई बार आजमाई जा चुकी है। अधिकतम बार यह बात सही साबित भी हुई है।
अब आज अचानक यह बात चर्चा का हिस्सा क्यों बनी हैं। इसका सीधा जुड़ाव हाल के दिनों में सुर्खियों में रहे इत्र व्यापारी पीयूष जैन से जाकर जुड़ती है। उत्तर प्रदेश में कन्नौज के निवासी पीयूष जैन के घर पर जब जीएसटी के अधिकारियों ने दबिश दी तो उस घर का नजारा देखने वालों के कुछ समय के लिए होश उड़ गए। पीयूष जैन के घर से पिछले कुछ दिनों लगभग 600 किलो चांदी और 65 किलो सोना मिला हैं।
हालांकि जो लोग पीयूष जैन को सामाजिक रूप से जानते हैं वह चाहकर भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहें हैं कि पीयूष जैन के पास इतनी संपत्ति पाई गई। क्योंकि यदि पीयूष जैन के रहन सहन के तरीके को देखा जाए तो वह एक बेहद सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन यापन करता आ रहा था।
इतनी संपत्ति होने के बावजूद वह एक सामान्य से घर में रहता और एक बेहद पुराने से दोपहिया वाहन का इस्तेमाल कहीं भी आने जाने के लिए करता। लग्जरी साधनों के नाम पर उसके पास महज एक ऐसी चार पहिया गाड़ी थी जो आज के समय से कहीं भी तालमेल नहीं रखती हैं। तो चलिए विस्तार में जानते हैं पीयूष जैन के बारे सब कुछ।
पीयूष जैन की पारिवारिक पृष्ठभूमि
कौन है पीयूष जैन– पीयूष जैन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले का रहने वाला है। वो कन्नौज में आज भी अपने पुराने वेस्पा स्कूटर से चलता है।
उसके पास एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है। बहुत ही साधारण आम आदमी की तरह रहता है और मोहल्ले में भी किसी से ज्यादा बात नहीं करता। आसपास के लोगों के मुताबिक पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं, महेश से ही उनके बेटे पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सीखा।
पिछले 15 सालों में पीयूष ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया है। अब कानपुर से लेकर मुंबई और गुजरात में उसका कारोबार है। कारोबार बढ़ा तो आसपास के 2 मकानों को खरीदकर पीयूष ने अपना आलीशान मकान बनवाया।
पीयूष का घर कुछ इस तरह से बना है कि करीब 700 वर्ग फीट के मकान में मकान में दूसरे मकानों से बालकनी के अलावा कुछ नहीं दिखता। हालांकि मकान में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन और उनका स्टाफ रहता है। पीयूष और उसका भाई अंबरीष अक्सर यहां आता जाता रहता है। अंबरीष और पीयूष के 6 बेटे बेटियां है जो सभी कानपुर में पढ़ते हैं।
ऐसा है पीयूष जैन का लाइफस्टाइल
इत्र कारोबारी पीयूष जैन की दौलत के साथ उनकी लाइफस्टाइल भी चर्चा का विषय बनी हुई है। साधारण कपड़ों में रहने वाला पीयूष जैन अक्सर फंक्शन्स में हवाई चप्पल पहनकर जाया करता था। पीयूष जैन के घर से छापेमारी में के दौरान पुरानी स्कूटर और कार मिली जो तरक्की के सफर में उसके साथी बने रहे।
कन्नौज के मोहल्ला छिपट्टी में रहने वाले पीयूष जैन के घर से वेस्पा, राजदूत और पुरानी सैंट्रो कार भी मिली है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि बेशुमार दौलत आने के बाद भी पीयूष ने अपने पुराने वाहनों को बेचा नहीं बल्कि साथ में रखा।
पीयूष जैन ने अपने पिता महेश चंद्र जैन के कारोबार को आगे बढ़ाने का कार्य किया, तब उन्होंने स्कूटर, राजदूत, मोटर साइकिल और सैंट्रो कार खरीदी थी। ये वाहन आज भी उनके साथ हैं। कन्नौज में छापेमारी के दौरान पीयूष जैन के घर से मिली वेस्पा स्कूटर की तस्वीर सामने आई थी।
पीयूष जैन ने 12वीं तक की पढाई ग्वाल मैदान एस एन इंटर कॉलेज से की है। इसके बाद वह कानपुर चला गया। पढ़ाई के बाद पीयूष जैन कारोबार में जुट गया।
पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, पीयूष जैन के दादा का फूलचंद जैन था। पीयूष के दादा और पिता महेश चंद्र जैन पहले कपड़े पर छपाई का काम करते थे। पीयूष के काम की शुरुआत मुंबई की किसी कंपनी में सेल्समैन के तौर पर की थी।
लग्जरी और महंगी गाड़ियों के बजाय स्कूटर रखने के पीछे आस पास के लोगों ने एक और लॉजिक भी बताया। इसके अनुसार कन्नौज की जिस गली में पीयूष जैन का घर है, वह बेहद संकरी है। ऐसे में वहां परिवहन के लिए स्कूटर अच्छा माध्यम है।
इसके अलावा पीयूष और अंबरीश पहले कन्नौज आते जाते रहते थे। लेकिन पिछले 5-10 साल से पिता की उम्र और सेहत के चलते आवागमन कम हुआ था। कन्नौज में उनका स्टाफ रहता था।
पीयूष जैन की अब तक जब्त संपत्ति
कन्नौज में अरबपति कारोबारी पीयूष जैन के घर जीएसटी इंटेलिजेंस का छापा पिछले लगभग एक हफ्ते से जारी है अब तक कार्रवाई कर रही टीम ने लोहे के 5 बॉक्स में भरकर रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लोकल करंसी चेस्ट में जमा करा दिए गए हैं। वहीं डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने 64 किलो सोना अपने कब्जे में ले लिया है।
पीयूष जैन के कानपुर वेल घर से 177.45 करोड़ नकद के कन्नौज के घर से 17 करोड़ कैश 64 किलो विदेशी मार्क का सोना और 600 किलो चंदन का तेल रिकवर किया गया है। इसके अलावा कच्चा माल भी है। कुल रिकवरी 232.45 करोड़ रुपये है। कन्नौज में पीयूष के घर में तलाशी 24 दिसंबर से शुरू हुई थी।
अब सवाल उठता है कि पीयूष के पास इतना नगदी आया कैसे। इस बात की जांच तो सरकारी जांच एजेंसी करने में जुटी हैं। लेकिन खबरों की माने तो पीयूष जैन ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी है कि उसने यह पैसा अपने पुश्तैनी सोना बेचकर एकत्रित की थी।
पीयूष जैन का राजनीतिक कनेक्शन
कन्नौज का इत्र व्यापारी पीयूष जैन यूपी चुनाव से ठीक पहले सियासत के केन्द्र में आ गए हैं। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे पर पीयूष जैन के सहयोगी होने का आरोप लगा रही हैं।
पिछले दिनों एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा से जुड़ा एक शख्स समाजवादी परफ्यूम की बात करता था, जिस पर हमारे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कोई परफ्यूम नहीं बल्कि समाजवादी बदबू है। उनकी दीवारो से आज करोड़ों रुपये की संपत्ति और सोना चांदी बरामद हुआ है। यह पैसा गरीबों का है, जिसे उन्होंने सरकार के संरक्षण में लूटा है।
एक अन्य सभा में योगी ने कहा कि पैसा विकास पर खर्च नहीं होता था। ये पैसा दलालों क् हाथों में जाता था। इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने यहा तक कहा कि अब समझ में आ रहा है कि बुआ बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करते थे।
इस पर अखिलेश ने बीजेपी के ही एक नेता का बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि माननीय सत्ताधारी कह रहें है कि जो सत्ता से दूर हैं उनके पास इतने पैसे कहां से आए। इसका साफ मतलब है कि भाजपा मानती है कि सत्ता में रहने पर वो भ्रष्टाचार से पैसा कमाती है, वसूली से भी, ट्रांसफर – पोस्टिंग और बुलडोजर का डर दिखाकर भी, चंदे और बोरी की चोरी से भी। इसके बाद अखिलेश यादव ट्वीट करते हुए बीजेपी को झूठ का फूल बताया।
हालांकि पीयूष के मोहल्ले के निवासी पीयूष जैन के किसी भी राजनीतिक दल से संबंध होने से साफ इंकार कर रहें है। लोगों ने बताया कि पीयूष जमीनी तथा नेकदिल इंसान हैं। उनका किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है।
पीयूष जैन और समाजवादी इत्र
who is piyush jain -जब अखिलेश यादव ने इत्र नगरी से सांसद होने का सफर शुरू किया तो उनके साथ इत्र व्यापारी पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन भी उनके साथ पार्टी में शामिल होकर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता बन गए। समाजवादी पार्टी से उनका जुड़ाव इत्र नगरी को अखिलेश से महाकाना था इसके लिए उन्होंने समाजवादी इत्र का निर्माण कर उसको लांच किया और पार्टी से एमएलसी का चुनाव लड़कर उसमें जीत हासिल करते ही सपा एमएलसी बन गए।
वहीं जब पीयूष जैन के मामले में पुष्पराज उर्फ पम्पी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने पीयूष जैन को साथ किसी प्रकार के संबंध होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग एक ही मोहल्ले में रहते हैं। जैन है कारोबारी है तों बस इतना ही संबंध है। वहीं समाजवादी इत्र के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह हमने लांच किया था। उससे पीयूष जैन का कोई संबंध नहीं हैं।
पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन शुरू से ही अपने पैतृक घर पर निवास करते रहें हैं और घर के पास ही इत्र कारखाना लगाए हुए हैं, जहां से इत्र तैयार होकर देश विदेशों में पहुंचाया जाता है। लेकिन इस अफवाह ने पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन को और सुर्खियों में डाल दिया कि कानपुर के रहने वाले पीयूष जैन के संबंध पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन से जुड़ते है जबकि यह बिल्कुल गलत साबित हो रहा है। यह दोनों एक मोहल्ले के रहने वाले जरूर हैं लेकिन इनका कोई संबंध बिल्कुल नहीं हैं।
हालांकि अब तक की जानकारी के मुताबिक पीयूष दुनिया की आंखो से बचकर करोड़ो रुपये इधर से उधर करता था। इसके साथ ही पीयूष अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से हमेशा कहता था कि व्यापार में बहुत घाटा हो रहा है जिसकी वजह से उस पर करोड़ों रुपये का कर्ज है।
कौन है पीयूष जैन (who is piyush jain in hindi ) पे दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी अपनी राय जरूर व्यक्त करें।
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