SCO सम्मेलन क्या है ?(What is SCO Summit)
SCOका full form ‘Shanghai CooperationOrganization है जिसका हिंदी अर्थ, शंघाई सहयोग संगठन है।
SCO एक यूरेशियन राजनीतिक,सैनिक, आर्थिक व सुरक्षा गठबंधन है और इस organizationके निर्माण की घोषणा दिनांक 15 जून, 2001 को चीन, कजाकिस्तान, शंघाई तथा किर्गिस्तान के नेताओं द्वारा की गई थी।
इस संगठन में सबसे बङे देश के तौर पर यानी कद व स्तर के अनुसार भारत का स्थानतीसरा है।शंघाई सहयोग संगठन का मुख्यालय चीन के बीजिंग के चाओयांग डिस्ट्रिक्ट में है तथा इसके महा सचिवव्लादिमीर नोरोव हैं।
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SCO की स्थापना, सदस्यता और पहली बैठक ;-
इस संगठन की स्थापना करने वाले देश के नेताओं द्वारा शंघाई सहयोग संगठन चार्टर पर सन 2002 में जून के माह में हस्ताक्षर किए गए और इसके कुछ समय पश्चात यानी 19 सितंबर 2003 को यह लागू हो गया।
26 अप्रैल 1996 को स्थापित शंघाई समूह में पहले 5 सदस्य शामिल किए गए जिसमें उज्बेकिस्तान शामिल नहीं था। इस समूह की स्थापना रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, चीन तथा तजाकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की थी।
इस समूह का नाम ‘शंघाई पांच’ पड़ा।
हालांकि 15 जून, 2001 में दोबारा आयोजित शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान को भी शामिल कर संगठन का नाम ‘शंघाई छः’ कर दिया गया था जिसे अब आप शंघाई सहयोग संगठन के नाम से जानते हैं।
सन 2005 में भारत तथा पाकिस्तान देशों को भी इस संगठन में स्थाई रूप से शामिल कर लिया गया था और उन्हें पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया गया।
इसके बाद फिर 2017 में इन दोनों देशों यानी भारत और पाकिस्तान को औपचारिक तौर पर संगठन के पूर्ण सदस्य का दर्जा प्राप्त हुआ। जिसमें इन सदस्यों की संख्या कुल 8 हो गई।
वर्तमान में शंघाई सहयोग संगठन में कुल 8 सदस्य हैं जिसमें भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन,किर्गिस्तान, कजाकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
और ऑब्जर्वर के रूप में ईरान, मंगोलिया, बेला रूस तथा अफगानिस्तान सहित चार सदस्य देश शामिल हैं। इसके अलावा डायलॉग सहयोगी भी है जिसमें तुर्की, नेपाल, श्रीलंका, आर्मेनिया, अजरबैजान तथा कंबोडिया सहित छह देश शामिल हैं।
SCO Summit स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य अथवा कारण:-
सन 1996 के शुरुआती में इस संगठन का उद्देश्य मध्य एशिया से सटे देश चीन तथा रूस की सीमाओं के तनाव को रोकना था साथ ही सीमाओं को सुधारना व उनका निर्धारणकरनाथा।
3 वर्ष के भीतर इस मकसद में कामयाबी मिली। जिसके बाद यह संगठन प्रभाव में आया। ठीकइसी के बाद उज्बेकिस्तान को इस संगठन में शामिल किया गया था और यहीं से शंघाई सहयोग संगठन का सार्वभौमिक रूप से गठन हुआ।
सन 2001 का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ना व सहयोग तथा ऊर्जा पूर्ति के मुद्दों पर ध्यान देना था जो कि आज भी शामिल है।
जनसंख्या आबादी तथा भौगोलिक विस्तार के अनुसार शंघाई सहयोग संगठन विश्व का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है जिसने सहयोग के लिए यूरेशियन महाद्वीप के तीन बटे पांच हिस्से को तथा मानव आबादी के एक बटे दो यानी आधे हिस्से को कवर कर रखा है।
यह सम्मेलनआतंकवाद जैसे कई अन्य बाहरी खतरों को रोकने लिए, उनसे बचाव करने व उनके खिलाफ सहयोग एवं समन्वय को बढ़ावा देने और साथ ही क्षेत्रीय शांति स्थिरता बनाए रखने के लिए सैन्य अभ्यास का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है।
SCO Summit आयोजन का निर्धारित स्थान और समय :-
शंघाई सहयोग संगठन में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था राज्य परिषद के प्रमुख एक संस्था है।शंघाई सहयोग संगठन (SCO)के चार्टर अनुसारयहशिखर सम्मेलन वर्ष में केवल एक बार अथवा प्रत्येक वर्ष चयनित स्थानों पर आयोजित होते हैं,
सभी नेता पक्षकार मिलते हैं और संगठन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मामलों पर अपने विचार विमर्श अनुसार दिशा निर्देश और निर्णय सुनाते हैं। सभी शिखर सम्मेलनों के स्थान रूस में सदस्य राज्य के नाम के वर्णानुक्रम अनुसार तय किए जाते हैं।
पिछली बैठकें व आयोजन SCO Summit ;-
दिनांक 30 नवंबर, 2020 को शंघाई सहयोग संगठन(SCO) परिषद की 19वीं बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता भारत ने की थी। यह भारत के शंघाई सहयोग संगठन का पर्यवेक्षक सदस्य बनने के बाद की पहली बैठक थी।
शंघाई सहयोग संगठन राज्य परिषद का 20 वां तथावर्चुअल माध्यम से पहला शिखर सम्मेलन 10 नवंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुआ था।
चार्टर के ही अनुसार परिषद के सदस्यों द्वारा तय किए स्थान पर सरकार के प्रमुख यानी प्रधानमंत्री को सालाना बैठक करना तय किया जाता है।विदेश मंत्री परिषद को राष्ट्राध्यक्षों के वार्षिक शिखर सम्मेलन से1 माह पहले ही एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए।
2021 का लक्ष्य तथा आयोजन में शामिल सदस्य देश :-
शंघाई सहयोग संगठन सदस्य देशों की पहली बैठक 2021 में जुलाई और अगस्त के माह में कजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होनी तय की गई थी,इस बात की घोषणा व पुष्टिकजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमन ने की थी।
10 और 11 जून 2021 को शंघाई सहयोग संगठन(SEO) के देशों के न्याय मंत्रियों की आठवीं बैठक का आयोजन तजाकिस्तान द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था।
23 और 24 जून को SCO की बैठक कजाकिस्तान में हुई थी इसमें पाकिस्तानी National Security Advisor मोईद यूसुफ ने हिस्सा लिया था।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 और 14 जुलाई, 2021 को SEO के विदेश मंत्रियों की बैठक में तथा अफगानिस्तान केSEOसंपर्क समूह बैठक मेंशामिल थे।
27-29 जुलाई, 2021 कोभारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहतजाकिस्तान मेंSEO के सदस्य राज्यों के रक्षा मंत्रियों की बैठक का हिस्सा रहचुके हैं।
4 और 5 अगस्त, 2021 को विशेष कार्य समूह की दूसरी बैठक हुई थी, जिसमें विधि एवं न्याय मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा विधिक मामलों एवं विधायी विभाग के सचिव अनूप कुमार मेंदीरत्ता देखता इस बैठक का हिस्सा थे।
यह 6 अगस्त के पहले की बैठक थीऔर इस बैठक का उद्देश्य आर्थिक और व्यापार सहयोग पर चर्चा व समाधान करना था।
तो वहीं 6 अगस्त 2021 को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने भी शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के न्याय मंत्रियों की आठवीं बैठक में भाग लिया था।
विधि और न्याय राज्य मंत्री प्रोफेसर एस पी सिंह बघेल भी इस बैठक का हिस्सा थे।
इस बैठक में चीन, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान,किर्गिजगणराज्य, रूस,तजाकिस्तान औरउज्बेकिस्तानदेशों के विधि एवं न्याय मंत्री और न्याय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य रूप से इसमें शामिल थे।
यह पहली बार हो रहा है जब भारत शंघाई सहयोग संगठन (SEO) के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुआ।
2021 में पहली बार भारत SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।नवंबर से पूरे 1 वर्ष तक के लिए भारत को शंघाई सहयोग संगठन(SEO) के गवर्नमेंट की अध्यक्षता प्राप्त हुई है।
इसके पहले इस पद भार को उज्बेकिस्तान ने संभाला था।वैसे तो प्रत्येक सदस्य देश के प्रधानमंत्री इसमें भाग लेते हैं परंतु इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मौजूद नहीं होंगे
बल्कि उनकी जगह विदेशी मामलों के संसदीय सचिव को भेजा जा रहा है जो मुख्य रूप से इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें चारों प्रेक्षक/ऑब्जर्वर देश भी शामिल होंगे।
सम्मेलन में मंगोलिया के उपप्रधानमंत्री,बेलारूस के प्रधानमंत्री, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, ईरान के उपराष्ट्रपति तथा तुर्कमेनिस्तान के डिप्टी चेयरमैन मुख्य रूप से शामिल होंगे जिनको भारत ने अपने मुख्य अतिथि के तौर पर भागीदारी का न्योता भेजा है।
सभी अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।

2021, शंघाई सहयोग संगठन(SEO) की होने जा रही आठवीं बैठक में इस भयानक महामारी से संबंधित कानूनों का अहम रोल, भ्रष्टाचार से मुकाबला व खत्म करना, राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार मुफ्त में जनता को कानूनी सहायता प्रदान करना तथा अनेक सेवाओं में सहायता प्रदान करना और अन्य संबंधित क्षेत्रों के बारे में विचार विमर्श करना इस बैठक का उद्देश्य व लक्ष्य है.
अपनी अध्यक्षता में भारत आपसी सहयोग तथा समझौते के तीन मुद्दे को उठाएगा और ध्यान केंद्रित करेगा इन मुद्दों में स्टार्टअप व नवाचार,पारंपरिक दवाइयां तथा विज्ञान व तकनीकी शामिल है।
शंघाई सहयोग संगठन के सभी सदस्य देश न्याय मंत्रियों के आठवें सत्र के बाद संयुक्त वक्तव्य पर अपना हस्ताक्षर करेंगे।
16-17 सितंबर, 2021 को तजाकिस्तान की राजधानी दशाम्बे में यह शिखर सम्मेलन बैठक होगी जिसकी मेजबानी भारत के प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी जी करेंगे।
और इसी दौरान पाकिस्तान को एक मजबूत संकेत के रूप में आतंकवाद पर भारत के जीरो टोलरेंस के अनुरूप एक मजबूत तैयारी वाली की संभावनाएं जताई जा रही है।
सितंबर में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले शंघाई सहयोग संगठन (SEO)सदस्य देशों के न्याय, रक्षा, स्वास्थ्य, वित्त तथा विदेशी मामलों के विषय में चर्चा तथा उपाय के लिए मंत्रियों के बीच कई बैठकों का निर्धारण किया गया है।
इसी के साथ भारत स्टार्टअप पर एक प्रमुख कार्यकारी समूह के पदके गठन का प्रस्ताव भी देगा।संभवतः सम्मेलन के अंत में ही संपूर्ण बयान जारी कर दिया जाए।