
UTTAR PRADESH CHILD POLICY IN HINDI
उत्तर प्रदेश नवीन जनसंख्या नीति 2021-2030(UP Population control bill / Two child policy)
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या निंयत्रित करने के लिए नवीन जनसंख्या नीति 2021-2030 को प्रस्तावित किया है। जिसके माध्यम से दो बच्चों के सीमित परिवार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके नियमों के पालन करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा अवमानना करने वालों पर निषेधात्मक कारवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश: जनसंख्या की दृष्टि में (Population Status of UP)
उत्तर प्रदेश, जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। 2011 में जब जनगणना (2011 Census) हुई तब उत्तरप्रदेश की जनसंख्या लगभग 19 करोड़ 58 लाख थी। और यदि आज की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 22 करोड़ के पार ठहरती है। एक दशक लगभग 3 करोड़ लोगों की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश ना सिर्फ भारत में सबसे ज्यादा वाला राज्य है बल्कि विश्व के केवल पांच देश ही आबादी के मामले में उत्तरप्रदेश से आगे है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी तेजी से आबादी बढ़ रही है। इसीलिए UP population control bill ला रही है
नवीन जनसंख्या नीति आवश्यक क्यों?(Why New Population Policy in Uttar Pradesh Necessary?)
जनसंख्या का अत्यधिक विस्फोट से संसाधनों के वितरण पर बुरा असर पड़ रहा है। भूमिगत जलस्तर लगातार घट रहा है जिससे स्वच्छ जल आपूर्ति का संकट बढ़ रहा है। जनसंख्या और वाहनों का दबाव और उपभोग के लिए जंगलों का दोहन वायु प्रदूषण के साथ-साथ अल्प वर्षा जैसी समस्याओं को जन्म दे रहा है। अल्प वर्षा से कृषि आदि गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं।
वहीं अत्यधिक दबाव से शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था भी बुरी तरह चरमरा गई है। बेरोजगारी भी अबतक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है।
ऐसे में भविष्य में बनने वाली और भयावह स्थिति से निपटने के लिए तथा जनसंख्या नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार नवीन जनसंख्या नीति की घोषणा 11 जुलाई को कर रही है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस नीति का मसौदा तैयार किया गया है। राज्य सरकार की वेबसाइट पर प्रेषित कर एक 19 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे गये हैं। आयोग इसके बाद लगभग 15 अगस्त तक नीति पूर्ण रूप से तैयार करके सरकार को सौंपेगा। उत्तर प्रदेश की इस नवीन जनसंख्या नीति को मूर्त रुप देने में लगभग एक साल का समय लगेगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को इसके लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा।
जनसंख्या नीति में शामिल तथ्य (UP Child Policy in hindi)
इस मसौदे को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वेक्षण-4 के निष्कर्षो को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस नीति से गर्भनिरोधक साधनों तथा परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता एवं सुरक्षित गर्भपात के तरीकों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही नपुंसकता और बांझपन जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी नवीन जनसंख्या नीति में संबोधित किया गया है।
मातृ और शिशु मृत्यु दर को संतुलित जनसंख्या नियंत्रण करने के विचारों पर ध्यान दिया जाएगा। साथ किशोरों के स्वास्थ्य संवर्धन पर जोर दिया जाएगा ताकि वह बेहतर मानव संसाधन बन सकें। साथ ही साथ बुजुर्गो के पोषण प्रंबधन की व्यवस्था 2021 की जनसंख्या नीति में की गयी है। नवजात, किशोर तथा युवाओं के लिए ‘डिजीटल ट्रैकिंग’ तथा स्कूलों में ‘हेल्थ क्लब’ बनाने का दावा भी इस नीति में किया गया है।
नियमों का पालन ना करने पर–
उत्तर प्रदेश की पिछली जनसंख्या नीति 2002 से 2016 तक चली थी। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही इस नीति पर विचार किया जा रहा था। नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 में दो से अधिक बच्चों के पिता को कई फायदों से वंचना झेलनी पड़ सकती है। यदि दो से अधिक संतान वाला पिता सरकारी नौकरी में हैं तो उसे प्रमोशन तथा वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे उम्मीदवार सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेंगे।
नियमों के अनुसार एक राशन कार्ड पर चार से अधिक व्यक्तियों का नाम दर्ज नहीं किया जाएगा। दो से अधिक संतानों वाले परिवार को 77 सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त स्थानीय निकाय तथा पंचायती चुनाव उम्मीदवारी का हक भी छीन लिया जाएगा।
परिवार नियोजन अपनाने के फायदे–
अब बात आती है कि यदि जनसंख्या नीति का पालन किया जाए तो क्या लाभ होगा? सरकार ऐसे सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करेगी जो दो या एक संतान के बाद नसबंदी का विकल्प चुनेंगे। पीएफ फंड में अतिरिक्त राशि के साथ ही सरकारी आवासीय योजनाओं में विशेष छूट का भी प्रावधान है। इसके अतिरिक्त बिजली,पानी और अन्य करों में छूट भी प्रदान की जाएगी।
वह पिता जिसने एक संतान उत्पत्ति के बाद नसबंदी करवाई है उन्हें एक लाख का तुरंत प्रोत्साहन तथा संतान की स्नातक तक शिक्षा के खर्च का वहन सरकार करेगी।
ऐसे पुरुष जिनकी एक से अधिक पत्नियां हैं और पत्नियों से दो-दो संतानें हैं उन्हें सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा। लेकिन पत्नियों को सरकारी लाभ मिलेगा।
अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार का इस नीति को लाना नये राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार केवल कुछ धार्मिक समुदायों को निशाना बना कर यह नीति ला रही है। जिससे वह चुनावों में इसका फायदा उठा सकें।
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राजनीतिक पक्ष—(UP Child Policy In hindi)
वहीं सरकार का कहना है कि हम केवल पिछड़े और वंचितों के उत्थान के लिए इस नीति को अपना रहे हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है गरीबी और अशिक्षा जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण है। अब इस नीति से उन वर्गों को संबोधित करना चाहते हैं जो जिनमें परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता की कमी है।
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