Russia cancels Pakistan Gas Pipeline Project

पाकिस्तान गैस पाइपलाइन और रुस की उदासीनता-(Pakistan Gas Pipeline news )
रूस ने पाकिस्तान से होने जा रही गैस पाइपलाइन विस्तार के समझौते को समाप्त कर दिया है। इस समझौते के अंतर्गत पाकिस्तान रुस से समुद्री मार्ग से प्राकृतिक गैस का आयात करके उसे कासूर शहर से पाइपलाइन के माध्यम से कराची तक भेजें जाने की योजना थी।
जिसे पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन का नाम दिया गया। लेकिन आर्थिक और भू राजनीतिक कारणों से अब यह समझौता संकट में है। वहीं विदेश नीति के जानकार यह भी मान रहे हैं कि रूस का तजाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर सैन्य बल स्थापित करना पाकिस्तान को रास नहीं आया है।Russia cancels Pakistan Gas Pipeline Project
समझौते की जड़ें-Pakistan Gas Pipeline Project
रुस और पाकिस्तान के बीच इस पाइपलाइन हेतु 2015 से बातचीत जारी थी। यह व्यापार के साथ साथ द्विपक्षीय तथा जियो पॉलिटिक्स के नजरिए से भी महत्वपूर्ण था। इसके माध्यम से पाकिस्तान अपने रुस और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता था।
यह परियोजना 1100 किलोमीटर लंबी कसूर कराची तक प्रस्तावित थी। पहले इसे नॉर्थ-साउथ पाइपलाइन का नाम दिया गया लेकिन अमेरिका की आपत्तियों के चलते इसे पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन का नाम दिया गया।
इसके माध्यम से 12.4 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस के परिवहन की योजना थी। यह समझौता हाल ही में रुस के ऊर्जा मंत्रालय और मास्को स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बीच हुआ। रुस के ऊर्जा मंत्री निकोलाई शुलगिनोव और पाकिस्तानी राजदूत शफकत अली खान ने हस्ताक्षर किए।
व्यापारिक लाभ-Pakistan Gas Pipeline Project
इस समझौते में रुस अपने व्यापारिक हितों को साधना चाहता था। वहीं पाकिस्तान अपनी पटरी से उतरी आर्थिक स्थिति व्यवस्थित करना चाहता था। पाकिस्तान CPEC के चलते वैसे ही चीन के ब्याज की मार झेल रहा है, ऐसे में वह नहीं चाहता था कि अन्य कोई कर्ज उस पर चढ़े।
लेकिन 75-25 की सहभागिता के साथ परियोजना के निर्माण का सहमति बनी। जिसमें रुस अपने संसाधनों और तकनीक के माध्यम से पाइपलाइन का निर्माण करेगा। और पाकिस्तान एक निश्चित दर पर मात्र ब्याज का भुगतान करेगा। जिसे पाकिस्तान ठुकरा ना सका।
अप्रैल में रूस के विदेश मंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में मदद के साथ पाकिस्तान को विशेष सैन्य सहायता प्रदान करने की बात भी कही थी। यह परियोजना पाकिस्तान और रूस के बीच प्रमुख रणनीतिक उद्यम है और द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता था।Russia cancels Pakistan Gas Pipeline Project
सामरिक महत्व-Pakistan Gas Pipeline Project
पाकिस्तान दूतावास ने कहा था कि इस्लामाबाद मास्को के साथ “रणनीतिक साझेदारी” चाहता है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान “पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए तत्पर है।”
इस वार्ता को इसीलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। एक लंबे अरसे के बाद पाकिस्तान और रुस के एक अच्छी शुरुआत की ओर बढ़ रहे थे। शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिका के साथ था जिसकी रूस से तनातनी चल रही थी।Russia cancels Pakistan Gas Pipeline Project
रूसी विदेश मंत्री की इस्लामाबाद यात्रा शीत युद्ध काल के इन दो विरोधियों के बीच आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने के लिए और संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने पर सहमति बनी थी।
निरस्तीकरण क्यों? लेकिन हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी मनोस्थिति में बदलाव किया है और वह पाइपलाइन को कासूर के साथ लाहौर को शामिल करने की इच्छा जताई। वहीं रुस द्वारा तालिबान के लिए सख्त रुख अपनाना
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