कोलकाता के रेयांश दास नाम के एक छोटे बच्चे ने (Reyansh Das book ) अपने काम से पूरी दुनिया को चकित कर दिया है । बात ये थी की , रेयांश दास ने सिर्फ 10 साल की उम्र में खगोल भौतिकी पर एक पूरी किताब लिख दी है। रेयांश दास ने अपनी किताब का नाम दिया है है ‘the universe,the past and the future.

इस किताब के ज़रिए रेयंस ने क्या बताया है ? Reyansh Das book
ये किताब (Reyansh Das book ) विज्ञान और खगोल भौतिकी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है । इस किताब में कई विषयों पर व्याख्या की गई है।इस किताब में एक तारे के बारे में बताया गया है जो कि ब्रह्मांड से भी पुराना कहा जा रहा है ।
बिग बैंग सिद्धांत, एक सिद्धांत है जो ये कहता है कि ब्रह्मांड कई हैं, , समय का फैलाव कैसे होता है, संभव बहुविविध सिद्धांत क्या है, अल्बर्ट आइंस्टीन और आइजैक न्यूटन के सिद्धांतों में क्या अंतर है उसको बताया गया है , ब्रह्मांड में आगे क्या होने वाला है , सितारों का जीवन काल कब तक है , सौर मंडल में ग्रहों के दशा के बारे में बताया गया है , और बहुत सरे सिद्धांतो का जिक्र इसमें किया गया है।
एस्ट्रोफिजिक्स क्या हैं? Reyansh Das book
एस्ट्रोफिजिक्स अंतरिक्ष विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसके द्वारा फिजिक्स, केमिस्ट्री के सिद्धांतों का उपयोग कर तारों,ग्रहों,गेलेक्सियों,नेबुलाओं एवं यूनिवर्स की सभी वस्तुओं के जन्म, उनके व्यहवार, गुणों और उनके अंत का अध्यन किया जाता है.
एस्ट्रोफिजिसिस्ट क्या काम करते हैं?
जो वैज्ञानिक भोतिकी और रसायन के सिद्धांतों का उपयोग करके ब्रह्माण्ड को समझना चाहते हैं और सभी लोगो तक इस जानकारी को पहुंचना चाहते हैं उन्ही लोगो को ASTROPHYSICIST कहा जाता है। example के लिए पफेमस एस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डिग्रासे टायसन जी है जो की आम लोगो को आसानी से यूनिवर्स के बारे में अपनी किताबों जरिये , टॉक शो के जरिये समझाते हैं।
रेयांश के बारे में– Reyansh Das book
रेयांश सिर्फ 5 साल का था तभी उसको इन सब चीजों काफी रूचि आने लगी थी कि सितारे कैसे होते है , आकाशगंगा और ब्रह्मांड में क्या होता होगा । रेयांश का कहना है, “जब वो रात में आकाश को देखा करता था तो अपने आप से ही सवाल करता था की इन सितारों में अभी क्या हो रहा होगा ? सितारों का जन्म कैसे हुआ होगा ? और मैं यहां कैसे हूँ ?”
अपनी इन्हीं सवालों का जवाब पाने के लिए रेयांश ने खगोलीय किताबों से जानकारी इकठ्ठा करना शुरू कर दिया और कई अंतरिक्ष से जुड़े वीडियो भी देखे।
रेयांश की मां सोहिनी का क्या कहना है? Reyansh Das book
रेयांश की मां सोहिनी का कहना था की रेयांश मात्रा 5 साल की उम्र में मोबाइल,टैब आदि से खेलना लगा था।जिस उम्र में सभी बच्चो का मन खेलने कूदने में लगता है उस उम्र में वो भौतिक सिद्धांतों के बारे में बात कर रहा था ।
उनका कहना था की उनको इन सब के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं था इसीलिए, हम रेयांश को फिजिक्स के एक्सपर्ट के पास लेकर गए और उन्होंने हमें बताया कि वह रेयांश जो भी बता रहा था वो सब सही बता रहा था ।”
रेयांश की मां सोहिनी शहर के एक एनजीओ में काम करती है। उन्होंने रेयांश का पालन पोषण अकेले ही किया हालांकि सोहिनी इससे काफी खुश हैं । सोहिनी का कहना है कि रेयांश हमेशा अपने जीवन के अच्छे पक्षों को देखता है।
रेयांश की मां सोहिनी ने आगे कहा,। कभी-कभी वो वास्तव में उत्सुक हो जाती हूं, लेकिन फिर वह ज्यादातर पर अपने प्रश्नों को स्वयं ही बताता है और मैं उसे उस पर उसको प्रोत्साहित करती हूं। इसके अलावा, वह मेरे भाई के साथ बहुत सी बबातो पे जानकारी के लिए चर्चा करता है। ”
रेयांश का क्या कहना है Reyansh Das book
रेयांश का इस किताब (Reyansh Das book ) को लेकर कहना यह है कि “मैंने ये किताब मेरा पास उपलब्ध जानकारी को लोगो तक पहुंचाने के लिए लिखी । रेयांश का कहना है कि अगर हमको अपनी चीजों को बचाए रखने के लिए विभिन्न ग्रहों तक पहुंचने उनके बारे में जानकारी जुटाने और नई – नई तकनीकों का निर्माण करने की आवश्यकता है।
गणित पर होगी दूसरी किताब(Next Book Of Reyansh dash on Math)
अब रेयांश अपनी दूसरी किताब लिखने के लिए तैयार कर ली । रेयांश की ये किताब गणित पर आधारित होगी। अपने भविष्य के प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया , “कुछ ऐसे विषय हैं जो मुझे पसंद हैं लेकिन अब तक मेरा पसंदीदा पेशा एक अंतरिक्ष यात्री का रहा है और इसपे काम करता रहूँगा क्या पता मुझे एक नया ग्रह भी मिल सकता है।
मैं मंगल और चंद्रमा पर मानव उपनिवेश बनाना चाहता हूं। और लगातार इन चीजों पे काम करता रहूँगा क्योंकि अंतरिक्ष की जानकारी जुटाना मेरी पहली पसंद है।
रिसर्च स्कॉलर नंदिता राहा की राय— Reyansh Das book
वहीं इस किताब को लेकर नंदिता राहा जो की एक जानीमानी रिसर्च स्कॉलर हैं उनका कहना है की रेयांश की पुष्तक में बाटइ जानकारी बिलकुल अस्पष्ट है और उन्होंने ये भी कहा की भौतिक विज्ञानी भी रेयांश दास की इस किताब से आश्चर्य के साथ काफी खुश भी है ।
भारत में एस्ट्रोफिजिक्स—
भारत फ़िलहाल एस्ट्रोफिजिक्स के मामले में दूसरे देशो की तुलना में काफी कम है। लेकिन धीरे-धीरे खगोल
में जिस तरह से भारत में आगे बढ़ रहा है। इससे जुड़े job career भी तेजी से आगे बढ़ रहें हैं।
इसलिए अगर आप भी एस्ट्रोफिजिक्स बनने का सपना देख रहे हैं तो उसपे काम करना शुरू कर दीजिये क्योंकि रेयांश ने सबकी सोच भी बदल दी है ।
एस्ट्रोफिजिक्स कंप्लीट कर लेने के बाद FUTURE:-
एस्ट्रोफिजिक्स में अगर आप ने अपनी पढाई पूरी कर लेती हैं तो उसके बाद आप कॉलेज या यूनिवर्सिटीस में प्रोफेसर और शोधकर्ता
की पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसी तकनीकी कंपनी में काम करना चाहे तो आप तकनीशियन पोस्ट के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
आप Research Institute Of Government Organisation(IGO) की research scientist की job भी ले सकते हैं। और आप चाहे तो financial forms में DATA ANALYSIS से जुड़े हुए काम भी कर सकते हैं और उस AREA में भी JOB पा सकते हैं।
तो एक एस्ट्रोफिजिक्स के तौर पर अच्छा experience मिलने के बाद national observative और agencies में भी apply कर सकते हैं। और आपको DRDO (Defence Research & Development Organisation) और ISRO (Indian Space Research Organisation) जैसी गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट में काम करने का आपको मौका मिल सकता है।
एस्ट्रोफिजिक्स की सेलरी कितनी है ?(What is the salary of Astrophysics)
एक एस्ट्रोफिजिक्स(ASTROPHYSICS) सालाना कमाई 8 से 10 लाख रुपयों तक होती है और ये और भी पढ़ सकती है अगर आप विदेशों में काम करेंगे।
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