Introduction (Ramsay Hunt Syndrome kya hai ) :-
हाल ही में Hollywood के popular &famoussinger जस्टिन बीबर (जिनकी उम्र 28 वर्ष है) को रामसे हंट सिंड्रोम नामक एक गंभीर बीमारी हो गई है जिसके बारे में सिंगर ने खुद social media पर tweet कर बताया है। उन्होंने बताया है कि उनका आधा चेहरा paralyze (लकवा) हो चुका है और इस बीमारी के चलते उनको अपनीआंखें झपकाने व पूरी तरह से हंसने में दिक्कत आ रही है।
उन्होंने अपनी बीमारी से उबरने के लिए अपने fans से प्रार्थना करने का अनुरोध किया है। बीमारी के चलते सिंगर ने अपने सभी कार्यक्रमों को तत्काल रद्द कर दिया है। तो वहीं सूचना मिलने के बाद से उनके सभी fans उनकी सलामती के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं। यह एक बहुत ही गम्भीर व डरावनी बीमारी मानी जा रही है इसलिए इसके प्रति हम सबको सजग रहना चाहिए। यह बीमारी कैसे होती है, क्या है इसके लक्षण और उपचार आइए आज के लेख के माध्यम से जानते हैं। तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।
Ramsay Hunt Syndrome in Hindi(रामसे हंट सिंड्रोम क्या है)
Health experts के बयान अनुसार जिस वायरस से चिकन पॉक्स होता है उसी वायरस से Ramsay Hunt Syndrome नामक बीमारी होती है।वेरिसेला जोस्टर नामक वायरस(VZV) से व्यक्ति के मस्तिष्क के नस को संक्रमित करने से रामसे हंट सिंड्रोम बीमारी हो जाती है। experts के मुताबिक यह एक तंत्रिका संबंधी विकार/बीमारी है जिससे संक्रमित व्यक्ति के चेहरे पर व आसपास दर्दनाकचकत्ते निकल आते हैं और व्यक्ति को लकवा भी मार सकता है।
इससे पीड़ित व्यक्ति में सुनने की क्षमता कम हो जाती है। कान के पास के चेहरे की नसें इसमें प्रभावित होती हैं। रामसे हंट सिंड्रोम बीमारी के लक्षण नजर आने पर व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए और उपचार कराना चाहिए। जरा सी भी की गई लापरवाही संक्रमित व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के कान के आसपास के हिस्से में दर्द बना रहता है। संक्रमण का सीधा असर पीड़ित व्यक्ति के चेहरे की नसों पर पड़ता है। केवल चकत्ते ही नहीं निकलते बल्कि मुंह पर लकवा भी मार जाता है।इस संक्रमण को हरपीजजॉस्टरऑप्टिक्स(Herpes Zoster Opticus) नाम से भी जानते हैं।
यह एक दुर्लभ विकार/रोग तब साबित होता है जब वेरिसेला-जोस्टर वायरस (Varicella-zoster virus) संक्रमित व्यक्ति के सिर की नस को संक्रमित करता है।Ramsay Hunt Syndrome के मामले में पुराने निष्क्रिय कमजोर वेरीसेला- जोस्टर वायरसफिर से अर्थात पुनः active हो जाते हैं और मुंह (चेहरे) की तंत्रिका को प्रभावित करने के लिए फैलते जाते हैं।
इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर भी एक वीडियो साझा करते हुए singer ने अपनी शारीरिक परिस्थिति का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि शो करने के लिए वह अभी शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है।
क्या है रामसे हंट सिंड्रोम(What is ramsey hunt syndrome in hindi) ?
रामसे हंट सिंड्रोम(Ramsay Hunt Syndrome) एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी बताई गई है जिसमें वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस व्यक्ति के चेहरे की गतिविधियों में सहायक नसों में सूजन उत्पन्न कर देता है। जब इन नसों में सूजन आ जाती है तो वे काम करने में असक्षम हो जाती हैं जिससे अस्थाई या स्थाई रूप से चेहरा लकवाग्रस्त हो जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति के चेहरे की मांसपेशियों को सही ढंग व पूर्ण रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक सूचना नहीं मिल पाती।
अमेरिका की मेयोक्लीनिक के अनुसार
अमेरिका की मेयोक्लीनिकएक्सपर्ट की जानकारी के मुताबिक, रामसे हंट सिंड्रोम होने के कारण व्यक्ति का चेहरा लकवा ग्रस्त हो जाता है और कभी-कभी इसका असर कानों पर भी पड़ता है जिससे व्यक्ति के सुनने की क्षमता पर भी गंभीर असर पड़ता है।
मेयोक्लीनिक अनुसार, ज्यादातर लोगों में रामसे हंट सिंड्रोम के लक्षण अस्थाई ही होते हैं लेकिन कुछ में स्थाई भी हो सकते हैं। कई बार तो पीड़ित अपनी पलक तक नहीं पाता और कई बार उनके आंखों की रोशनी धुंधली पड़ जाती है आंखों में दर्द की शिकायत रहती है।
Ramsay Hunt Syndrome kya hai – इसके लक्षण
मुख्य रूप से दो लक्षण इसकी पहचान के लिए पर्याप्त हैं;
पहला- एक कान में व उसके आसपास पानीदारफफोले के साथ दर्दनाक लाल चकत्ते पड़ना।
दूसरा- चेहरे के आधे हिस्से को लकवा लग जाना।
इन दो मुख्य लक्षणों के अलावा भी निम्न लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं ;-
- हंसते समय चेहरे पर खिंचाव दिखाई पड़ता है।
- मुंह के स्वाद में बदलाव आ जाना,
- गर्दन में दर्द,
- मुंह सूखना,
- एक आंखझपकाने में दिक्कत आना,
- कान के पास दाद या फिर चकत्ते पड़ना,
- चेहरे पर चकत्ते पड़ना,
- कान के आसपास की नसों में दर्द या बजने की आवाज का महसूस होना (टिटिटस),
- चक्कर महसूस होना,
- एक कान से सुनाई ना पड़ना (बहरापन),
- चेहरे का एक तरफ लटक आना,
- कान के परदे पर रैशेज आ जाना आदि।
Ramsay Hunt Syndrome के प्रकार –
इस रोग को निरूपित करने के लिए कई अलग-अलग नामों का उपयोग किया गया हैआसान भाषा में कहें तो तीन विभिन्न न्यूरोलॉजिकल सिंड्रोम का नाम रामसे हंट सिंड्रोम है।जेम्स रामसे नामक एक चिकित्सक के नाम पर इस विकार/रोग का नाम रामसे हंट सिंड्रोम रखा गया। उन्होंने पहली बार सन 1907 में इस विकार की व्याख्या की थी। कुछ वर्ष पूर्व ही एक से ज्यादा विकारों से पदनाम रामसे हंट सिंड्रोम की खोज हुई।
रोगी के कान पास लाल चकत्ते पड़ने के कारण इसे हर्पीज जोस्टर ऑप्टिक के नाम पर जाना गया। वैसे तो कुछ डॉक्टर से हरपीज जोस्टर ऑप्टिक्स को केवल कान के दाने के लिए संदर्भित करते हैं जबकि रामसे हंट सिंड्रोम का उपयोग कान के दाने व चेहरे के पैरालाइज्ड के संयोजन से चिन्हितहै।
तीन विभिन्नन्यूरोलॉजिकल सिंड्रोम को रामसे हंट सिंड्रोम का नाम दिया गया है जिसका संबंध प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्टजेम्स रामसे के प्रलेख से हैं (1872-1937)।
पहले प्रकार को रामसे हंट सेरिबेलर सिंड्रोम कहते हैं जो मस्तिष्क अध: पतन का एक दुर्लभ रूप माना गया है। इसमें मायोक्लोनिक (मिर्गी), कंपकपी,गति में अस्थिरता जैसी प्रक्रियाएं मुख्य रूप से शामिल हैं।
दूसरा प्रकार,जिसे कभी-कभी हर्पीज जोस्टर ओटिकस(Herpes Zoster) कहते हैं। जीनिकुलेटगैंग्लियन में हर्पीज जोस्टर का पुनर्सक्रियन होता है। इसमें चेहरे की तंत्रिका का निचला मोटर न्यूरॉन घाव, चक्कर, दर्द व बहरापन आदि शामिल हो सकता है।
तीसरे प्रकार एक कम संदर्भित स्थिति मानी जाती है जो उलनार तंत्रिका की गहरी पाल्मार शाखा की व्यवसायिक रूप से प्रेरित न्यूरोपैथी होती है। इस तीसरे प्रकार को हेट्सडिजीज या आर्टिसन्सपाल्सीके नाम से भी जाना जाता है।
जटिलताएं –
रामसे हंट सिंड्रोम से ग्रसित ज्यादातर लोगों में चेहरे के आधे भाग में लकवा व सुनाई में समस्या जैसे प्रभाव दिखते हैं। सिंगर ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया है कि रामसे हंट सिंड्रोम के चलते चेहरे में कमजोरी होने से आंखें खोलने और बंद करने में तकलीफ होती है क्योंकि ऐसी स्थिति में आंखों केकॉर्नियावाला भाग जो आपकी आंखों की रक्षा करता हैक्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है।
पोस्ट हेरपटिकनूरलगिया (Post herpetic neuralgia) –
यह अंतिम व सबसे गंभीर स्थिति होती है। इसमें दाद का संक्रमण तंत्रिका तंतुओं को क्षति पहुंचाता है और तंत्रिका तंतुओं द्वारा भेजे गए संदेश भ्रमित व अतिरंजित हो जाते हैं जिससे पीड़ित को दर्द होता है।यह लक्षण संक्रमित में लंबे वक्त तक बना रह सकता है।
यह virus बच्चों में चिकन पॉक्स और वयस्कों में दाद (हर्पीज जोस्टर) का भी कारण बनता है।
किन्हें है ज्यादा खतरा रामसे हंट सिंड्रोम से ?
वो लोग जो पहले चिकनपॉक्स का शिकार हो चुके हैं,जिन्हें चिकन पॉक्स का टीका न लगा हो, जिन व्यक्तियों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो या जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो उन्हें रामसे हंट सिंड्रोम बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है। रामसे हंट सिंड्रोम होने की ज्यादातर संभावना उस व्यक्ति में होती है जिन्हें चिकन पॉक्स हो चुका है।
आपको बता दें अगर किसी व्यक्ति को चिकन पॉक्स हुआ है और फिर वह इलाज से ठीक हो गया है तो भी उस व्यक्ति के शरीर में वह वायरस रहता है जो कुछ वर्षों बाद पुनः सक्रिय होकर उसके दाद वपानीदार छाले या फफोले के रूप में असर दिखाता है।
बचाव व देखभाल –
- समय रहते अपने बच्चों को सभी निर्धारित टीके लगवाए।
- चिकनपॉक्स व शिंगल्स(एक तरह का चर्मरोग) टीका लगवाएं।
- शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
- इस बीमारी के कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत किसीअच्छे डॉक्टर से सलाह लें।
- अपनी आंखों को ज्यादा से ज्यादा आराम दें और डॉक्टर द्वारा suggest की गई eye drop को नियमित रूप से इस्तेमाल करें।
रामसे हंट सिंड्रोम का इलाज –
अगर किसी व्यक्ति में रामसे हंट सिंड्रोम बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो उसे फौरन अच्छे डॉक्टर को दिखा कर इलाज करवाना चाहिए। डॉक्टर पीड़ित की स्थिति को देखकर जो दवाएं बताएं उन्हीं का सेवन करना चाहिए। यह संक्रमण उनके लिए ज्यादा गंभीर हो सकता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो।
क्या जस्टिन बीबर को है रामसे हंट सिंड्रोम:

जी हाँ जस्टिन बीबर ने हाल ही में ट्वीट कर अपने फैंस को बताया की उनको हसने और सुनने में दिक्कत हो रही है बाद में जांच में पता चला की वो रामसे हंट सिंड्रोम नाम के बीमारी से ग्रसित हो गए हैं।
Conclusion :- उम्मीद है आपको यह जानकारी (Ramsay Hunt Syndrome kya hai | रामसे हंट सिंड्रोम क्या है)पसंद आई होगी। अगर पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर अपनी राय साझा करें और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ साझा करें और ऐसी तमाम अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।
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काजल पांडेय affairsworld में एक लेखिका हैं जिनको बिज़नेस , जीवनी आदि जैसे विषय के बारे में जानकारी तथा ३ वर्षो का अनुभव भी है।