Pegasus Spyware द्वारा 40 से अधिक पत्रकारों की जासूसी
क्या है पेगासस डाटा लीक (what is Pegasus data leak)
भारत के 40 पत्रकारों सहित कुछ अन्य क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों का नाम The Wire की उस सूची में पाया गया है, जिसे इजरायली सॉफ्टवेयर द्वारा डेटा चोरी और जासूसी के संबंध में बनाया गया है। इस सूची में भारत के बड़े मीडिया समूहों The Times Group, The Hindu, India Today के पत्रकार तथा कुछ स्वतंत्र पत्रकारों सहित मंत्रियों आदि के नाम शामिल होने की पुष्टि की गई है।
क्या हैं पेगासस डाटा लीक का पूरा मामला
दरअसल प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल The Wire ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया है कि इजरायल द्वारा खुफिया तंत्र के लिए विकसित किया गये Pegasus Spyware द्वारा भारत के दो मंत्रियों, एक विपक्षी नेता, एक जज और लगभग 40 पत्रकारों का हैकिंग के माध्यम से निजी जानकारियों को को चोरी किया गया है।
रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पोर्टल का दावा है कि आगे चलकर इसी संबंध में और भी कई खुलासे किए जा सकते हैं।
वहीं सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी NSO का कहना है कि वह केवल सरकारी एजेंसियों को ही सॉफ्टवेयर बेचती है ना कि प्राइवेट एंजेसियों को।
इस पर केन्द्र सरकार ने जबाव दिया है कि इस प्रकार हैकिंग के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है। और इस सम्पूर्ण दावे को खारिज कर दिया।
Pegasus spy in India (भारत में पेगासस)
रिपोर्ट को भारत के न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के साथ वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन सहित दर्जन भर से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों ने फॉरबिडन स्टोरीज और राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई एक जांच को खबरों में ज्ञजगह दी है। यह जांच रिपोर्ट को दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची के आधार पर तैयार किया गया है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ के पीगैसस सॉफ्टवेयर के माध्यम से इनकी निजता का हनन किया गया है।
द वायर का यह दावा एक फॉरेंसिक परीक्षण के आधार पर पर किया है। जिसमें इसी सूची में भारतीय नंबरों की जासूसी की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से 2019 के दौरान एक भारतीय सरकारी एजेंसी द्वारा इन नंबरों पर निगरानी रखी। इनमें वे की पत्रकार शामिल हैं जो आम चुनाव के दौरान खोजी पत्रकारिता में भी शामिल रहे।
Pegasus क्या है। कैसे काम करता है Pegasus Spyware (how Pegasus Spyware work)
2018 में भारत सरकार द्वारा इसी Spyware के माध्यम से Whatsapp को नियंत्रित करने के आरोप लगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।
Pegasus Spyware मोबाइल में व्हाट्सएप, आई मैसेज या टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से प्रवेश करता है।
हैकर एक लिंक को संबंधित नंबर पर भेजता है जिसपर यदि यूजर क्लिक कर देता है तो उस डिवाइस पर यह वायरस एक्टीवेट हो जाता है। इसके बाद डिवाइस पर दर्ज प्रत्येक जानकारी कॉल रिकॉर्ड, जीपीएस, ईमेल तथा अन्य गोपनीय सामग्री का एक्सेस हैकर अवैध तरीकों से कर सकता है।
Pegasus का इतिहास (Pegasus Spyware India)
इसके अलावा एमनेस्टी इंटरनेशनल तथा फॉरबिडन स्टोरीज समूह का दावा है दावा है कि लिस्ट में की देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्रियों सहित कई उद्योगपति तथा अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं।
दुनियाभर में पहले भी कई बार Pegasus Spyware का नाम जासूसी आदि के लिए चर्चित रहा है। कुछ साल पहले मेक्सिको की सरकार पर भी आरोप लगे थे कि उन्होंने ने अपने देश में कार्य कर रहे भ्रष्टाचार रोधी कार्यकताओं सहित अन्य सामाजिक गतिविधियों करने वालों की जासूसी कर उनके कार्यों को प्रभावित करने की कोशिश की थी।