Operation Cactus In Hindi
क्या है ऑपरेशन कैक्टस(What is Operation Cactus)
श्रीलंका में रहने वाले एक मालदीव नागरिक अब्दुल्ला लथुफी ने तख्ता पटल की प्लानिंग की थी और इसी प्लानिंग के तहत उग्रवादियों को मालदीव में दाखिल कराया था।
स्पीडबोट्स पर सवार होकर लगभग 80 सशस्त्र भाड़े के सैनिक राजधानी माले में उतरे, इसी तरह की संख्या पहले भी माले में घुसपैठ कर चुकी थी।
भाड़े के सैनिकों ने प्रमुख सरकारी भवनों, हवाई अड्डे, बंदरगाह और टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों सहित राजधानी पर शीघ्र ही नियंत्रण कर लिया।
हालांकि, वे राष्ट्रपति गयूम को पकड़ने में विफल रहे,क्योंकि राष्ट्रपति गयूम रंगोली बारोट की आवाज सुनकर वहां से भाग निकले थे परंतु एक मंत्री उनके हाथ आ गए थे जो उनके कब्जे में थे ।
गयूम जब दूसरे बिल्डिंग पहुंचे तो उनके सचिव ने अन्य पड़ोसी देशों को फोन करना शुरू किया और उनसे मदद की गुहार लगाई। इन पड़ोसी देशों में पाकिस्तान अमेरिका जैसे देश शामिल थे।
उस समय है पाकिस्तान अमेरिका और श्रीलंका से मदद की गुहार लगाई। परंतु परंतु श्रीलंका ने अपने हाथ खड़े कर दे, पाकिस्तान ने मदद देने से इंकार कर दिया और यूएसए ने भी कहा कि हम बहुत दूर हैं।
काफी समय लग सकता है वहा पहुंचने मे, परंतु इन्होंने यहां सुझाव दिया कि वह भारत से मदद मांगे। भारत से मदद मांगने की गुहार मालदीव ने लगाई हालांकि भारत ने पूरी तैयारी करी थी।
मालदीव की मदद करने की और समय भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी थे राजीव गांधी ने तुरंत कैबिनेट मीटिंग, बुलाई और मालदीव को मदद देने के लिए सेना तुरंत तैयार करने का आर्डर दिया ।
भारत की आर्मी नौसेना वायु सेना ने मिलकर मालदीव में चल रहे तख्तापलट के योजना को रद्द किया। इसी को 1988 के ऑपरेशन कैक्टस के नाम से इतिहास में दर्ज किया गया।
क्या है एस ओ एस-SOS
यह एक यूनिवर्सल सिग्नल होता है.
किसी भी मुल्क को मदद की जरूरत है तो वह कहीं पर भी s.o.s. लिख देता देता है, तो इससे सिग्नल मिलता है, दूसरे देशों को, कि वहां किसी में परेशानी में है और उसको मदद की जरूरत है, यही सिग्नल भेजा गया था मालदीव से अन्य देशों को।
क्यों ऑपरेशन कैक्टस(Operation Cactus)नाम दिया-
जब इस ऑपरेशन को कैक्टस नाम दिया जा रहा था तब इस पर यह विचार किया गया कि ही सोचो मालदीव एक कोरल आईलैंड से बना हुआ देश है।यहां पर कोरल बहुत ज्यादा है।
पूरा आईलैंड ही कोरल है,अगर आपने किसी ने कोरल देखा हो तो वह कोरल एक का कैक्टस की तरह होता है जो बहुत चुभता है।
इसको छूने पर बहुत चुभता है और यह बहुत कठोर होता है। इसलिए इसको ऑपरेशन कैक्टस नाम दिया गया।
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मालदीव में असफल तख्तापलट-
1 9 8 8 मालदीव के तख्तापलट का प्रयास अब्दुल्ला लूथफी के नेतृत्व में मालदीव के एक समूह द्वारा किया गया था,
और श्रीलंका से पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम से एक तमिल अलगाववादी संगठन के सशस्त्र आतंकवादियों द्वारा सहायता प्रदान करने के लिए योजना बनाई गयी।
इनका मुख्य लक्ष्य यही था की वंहा में हिंसा और आदि अनुचित गतिविधियां करके वंहा की चल रही वर्तमान सरकार को उखाड़ फेकना।
सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश के चलते जब जब मालदीव ने भारत से मदद मांगी और तख्तापलट की बात को बताया।
तब भारतीय सेना मालदीव गयी और वंहा अपने प्लान और फ़ौज के दम पे वंहा पे चल रहे गतिविधयों पे जल्द ही काबू पा लिया और तख्तापलट को विफल कर दिया।
जिसका सैन्य अभियान प्रयासों में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन कैक्टस नाम कोड था।
मौमून अब्दुल गयूम श्रीलंका का बहुत बड़ा व्यापारी था.उसने सोचा था कि क्यों ना हम मालदीव में तख्तापलट कर दी जाए हैं और हमें अच्छी जगह मिल जाएगी ताकि हम वहां से तस्करी कर सके, अपना कारोबार चला सके।
इस इरादे से उसने मालदीव पर तख्तापलट की पूरी कोशिश करी जो भारत की वजह से नाकाम रही।
मालदीव का भूगोल
मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है,
जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन है , जिसका फैलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है
यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्रीलंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर स्थित है इसका कैपिटल माले है जो 5.8 स्क्वायर km में स्थित है।
यह एशिया की सबसे छोटी कंट्री है जो 300 स्क्वायर km में स्थित है तथा यहां की सरकार एकात्मक अध्यक्षीय गणराज्य शासन है।
मालदीव जनसंख्या और क्षेत्र, दोनों ही प्रकार से एशिया का सबसे छोटा देश है।
यह दुनिया का सबसे लघुत्तम बिंदु वाला देश है मालदीव के पास दुनिया में सबसे निचला देश होने का रिकॉर्ड है।
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भारत मालदीव का संबंध-
मालदीव भारत का एक पड़ोसी देश से है जो कि सबसे छोटा और समुद्र के बीच में स्थित है।
मालदीव के साथ भारत के सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। जब-जब इस द्वीपीय देश पर कोई संकट आया है तो भारत ने बिना कोई देर किए सबसे पहले मदद की है।
मिसाल के तौर पर 1988 में जब मालदीव में तख्तापलट की कोशिश हुई तो इसे भारत ने नाकाम किया था। तब अब्दुल्ला लुतूफी नाम के विद्रोही नेता ने श्रीलंकाई विद्रोहियों की मदद से तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम की सत्ता पलटने की कोशिश की थी।
मालदीव भारत का एक छोटा पड़ोसी देश है और वह समुद्र में स्थित है जिससे कि भारत के आयात और निर्यात होकर जाते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था का ये एक बड़ा साधन भी है।
भारत ने सदैव ही मालदीव साथ अच्छे संबंध स्थापित की है और हमेशा मदद के लिया आगे आया है इसमें एक और उदाहरण की बात करू तो *ऑपरेशन नीर– जिसमे एक वॉटर सप्लाइ कंपनी के जेनरेटर कंट्रोल पैनल में भीषण आग लग गई थी जिसमे काबू पाने के लिए उस समय की भारतीय सरकार ने मालदीव का साथ दिया था और भारत ने तत्काल मदद करते हुए आईएनएस सुकन्या को पानी के साथ माले के लिए रवाना किया।
इसमें बहुत दिनों तक मालदीव में पानी काफी किल्लत होने लगी थी उस भारतीय वायुसेना और जलसेना ने अपने एयरक्राफ्ट्स और जहाजों के जरिए सैकड़ों टन पानी माले पहुंचाया था। भारत के इस अभियान को ‘ऑपरेशन नीर’ नाम से जाना जाता है।
मालदीव का इतिहास-
मालदीव के मौखिक , भाषा और संस्कृति के आधार पर इस बात की पुष्टि की जाती है की यंहा बसने वाले लोग द्रविड़ थे, ये संगम अवधि में केरल से यंहा आये थे।
बौद्ध धर्म सम्राट अशोक अपने प्रसार के दौरान मालदीव आये थे और बुद्ध धर्म की स्थापना जो की 12 वीं शताब्दी AD तक मालदीव के लोगो का प्रमुख धर्म बना रहा।
मालदीव के ऊपर 1153 से 1968 तक एक स्वतंत्र इस्लामी सल्तनत के रूप में इस पर शासन हुआ , मगर मालदीव 1887 से लेकर 25 जुलाई 1965 तक एक ब्रिटिश संरक्षण के अंदर रहा। इसके बाद 26 जुलाई 1965 से मालदीव एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।
अभी क्यों है चर्चा में है ऑपरेशन कैक्टस ?
दरअसल, 24 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया था।
“अगर मालदीव में चुनाव के दौरान गड़बड़ी होती है तो भारत को हमला बोल देना चाहिए.और साथ ही साथ अपने ट्विटर की एक जवाब में उन्होंने 1988 का जिक्र किया।
सुब्रमण्य स्वामी के ऐसे भड़काऊ ट्विटर पर मालदीव भड़क गया। “इसके बाद मालदीव के विदेश सचिव अहमद सरीर ने भारतीय हाई कमिश्नर अखिलेश मिश्रा को इस रविवार समन किया, और 32 साल बाद ऑपरेशन कैक्टस सुर्खियों में आया।
मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच वहां की पार्टियों ने भारत सरकार से मांग की गुहार लगाई है।
भारत इसके लिए क्या करेगा या तो अभी तय नहीं है परंतु भारत ने इस पर कहा कि वह मालदीव मे आपत्कालीन लगाए जाने से चिंतित हैं।

इस ऑपरेशन से इंडिया के लिए क्या सबक रहा?
• हिंद महासागर दिन पर दिन और अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है और इसकी स्थिरता में भारत का महत्वपूर्ण दांव है।
• क्षेत्र के छोटे द्वीप राज्य उस तरह के खतरे के प्रति संवेदनशील हैं जिसने भारत को 1988 में निर्वाचित सरकार की ओर से निमंत्रण पर अपने पैराट्रूपर्स भेजने के लिए मजबूर किया। मॉरीशस और सेशेल्स में भी इसी तरह के खतरे आए हैं।
• त्वरित प्रतिक्रिया की त्रि-सेवा क्षमता को बनाये रखना।
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