मोदी सरकार का नया विजन सहकारिता मंत्रालय(New Cooperative Ministry by Modi)
New Cooperative Ministry by Modi
New Vision of Modi Government Ministry of Cooperation
आपने अखबारों में कार्टून या टीवी पर कभी ना कभी AMUL का विज्ञापन जरूर देखा होगा, या और शायद इसके उत्पादों का प्रयोग भी किया होगा। AMUL भारत में सफल सहकारिता का प्रखर उदाहरण है। AMUL गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटिड के ब्रांड का नाम है। 1946 में इसकी स्थापना हुई। यह गांवों से दूध लाकर शहर में बेचने या अन्य उत्पाद बनाने का काम करता है।
सहकार से समृद्धि (prosperity through co-operation )
केन्द्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ का मंत्र देते हुए ‘सहकारिता मंत्रालय‘ एक नवीन मंत्रालय का निर्माण (New Cooperative Ministry by Modi) किया है। इस मंत्रालय के निर्माण से सहकारी समितियों के लिए एक कानूनी, प्राशसनिक और नीतिगत संरचना प्रदान किए जाने का उद्देश्य है। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मंत्रालय का उल्लेख बजट भाषण के दौरान भी किया था।
अब तक सहकारिता मंत्रालय के कार्यों की देखरेख कृषि मंत्रालय के अंतर्गत की जाती थी। नये मंत्रालय का कार्यभार गृहमंत्री अमित शाह को सौंपा गया है। इस मंत्रालय के निर्माण से सहकारी आंदोलनों को मजबूती मिलेगी।
एक स्थायी ढांचा होने से सहकारी समितियों के लिए ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ को सुगम बनाने तथा समितियों के जमीनी विस्तार को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
सहकारिता क्या है? (what is Cooperative ?)
सहकारिता दो शब्दों से मिलकर बना है सह+कारिता। सह का अर्थ है साथ मिलकर, कारिता का मतलब काम करना। कृषि तथा अन्य सहायक गतिविधियों, MSME आदि में एक से अधिक व्यक्तियों या संस्थाओं का साथ मिलकर काम करना ही सहकारिता है। इन लोगों के आपसी हित समान होते तथा साथ मिलकर अधिक लाभ की सोच को बढ़ावा दिया जाता है। यह समितियां बिचोलियों की भूमिका को एकदम निम्न कर देतीं है, जिससे लागत का उचित दाम भी मिलता है और शोषण से भी बचा जा सकता है।
संविधान में सहकारिता (Cooperatives in the Constitution)
संविधान (97वाँ संशोधन) अधिनियम 2011, ने भारत में काम कर रही सहकारी समितियों के लिए भाग IXA (नगरपालिका) के बाद एक नया भाग IXB जोड़ा।
संविधान के भाग-III के अंतर्गत अनुच्छेद 19(1)(c) में Union और Association के बाद ”Cooperative” (सहकारिता) शब्द जोड़ा गया था। यह सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार का दर्जा देकर सहकारी समितियाँ बनाने में सक्षम बनाता है।
राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों (DPSP के भाग IV में “सहकारी समितियों के प्रचार” के संबंध में एक नया अनुच्छेद 43B जोड़ा गया था।
सहकारिता महत्त्वपूर्ण क्यों? (Why is cooperative important?)
सहकारी समितियां उन क्षेत्रों को कृषि ऋण और धन प्रदान करता है जहां सरकारों और निजी क्षेत्र की पहुँच नहीं है। यह समितियां कृषि आदि के लिए जमीन तैयार करने का काम करती हैं। साथ आपस में ही समस्याओं के समाधान का भी प्रयास करतीं हैं। यह एक अनेक सामाजिक, जातिगत भेदभावों से दूर एक साझा पंरपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करती है। साथ ही अपने साथ संसाधन रहित या बेरोजगारों को भी जोड़ती है।
सहकारिता और बाधाएं (Cooperation and Constraints)—- (New Cooperative Ministry by Modi)
कुछ अपवादों और अनैतिक व्यक्तियों के व्यवहारों से सहकारी समितियों में कुप्रबंधन की समस्या होती है। जिससे शक्तिशाली व्यक्ति इसका गलत प्रयोग कर लेते हैं। अक्सर इन समितियों से गैर पढ़ें लिखे या कम पढ़े लिखे लोग जुड़े होते हैं जो समय के साथ नवाचार को और तकनीकों को कार्यशैली में शामिल नहीं कर पाते हैं। और गैर प्रशिक्षित सदस्यों तथा सरकारों लाभों की जानकारी के अभाव में इन संगठनों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
उठाने होंगे जरूरी कदम (necessary steps to be taken)
सहकारिता मंत्रालय के निर्माण से सहकारी समितियों को को अलग पहचान के साथ साथ विकास के नए अवसर भी मिलेंगे। लेकिन इस राह में चुनौतियां भी कई हैं। इसी लिए जरूरी है कि सरकार इन समितियों को नवीन तकनीकों से जोड़े और न प्रतिशत प्रशिक्षण और जागरूकता को सुनिश्चित करे। साथ ही कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार से बचने के लिए एक मजबूत कानून का निर्माण करे।
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