Introduction LIC IPO:- Share Marketसे हर कोई वाकिफ होगा।इस विषय में लोग ज्यादा कुछ नहीं तो इतना तो जानते ही हैं किShare Market एक Investment platform है।
तो वहीं बहुत सारे लोग अच्छा रिटर्न पाने के उद्देश्य से शेयर मार्केट में पैसे invest करते हैं और सच्चाई तो यह है कि बहुत सारे लोग इसमें investment कर अच्छा मुनाफा कमाते हैं। किंतु इसमें लाभ वही कमा पाते हैं जिन्हें इसके बारे में अच्छी खासी knowledgeहोती है।
तो इस हिसाब से आपने IPO शब्द कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा और यह हाल का यह प्रमुख विषय भी बना हुआ है।IPO जिसे Initial Public Offerके नाम से जानते हैं एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनी शर्त के आधार पर मार्केट में पैसेजुटाती है।क्योंकि कंपनियों को अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है।
असल में IPO से Shareholders के संग निजी गत कारोबार भी करती है। वहीं आईपीओ के बाद shares का नंबर बढ़ जाता है।IPO खरीदना किसी कंपनी के shares खरीदने के समान है इसमें कई सारे नए investors मिल जाते हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं देश के Insurance सेक्टर में LIC सबसे बड़ी कंपनी है। इस तक आम जनता की पहुंच के आधार पर यह अनुमान लगाना सही है कि इसके कारोबार में वृद्धि की पूरी उम्मीद है। LIC की बाजार हिस्सेदारी लगभग 62 फ़ीसदी है।
31 मार्च, 2020 तक LIC का कुल assets 37.75 लाख करोड़ रुपए का था और इसके लगभग 22.78 लाख एजेंट तथा 2.9लाख कर्मचारियों का विशाल नेटवर्क था। तो वहीं Share Marketमें भी LIC सबसे विशाल संस्थागत निवेशकों में शामिल है। शेयर बाजार में इसका तगड़ा निवेश है और अच्छे निवेश पोर्टफोलियो से अच्छे रिटर्न की उम्मीद किया जाना सम्भव है।
LIC IPO(एल आई सी आईपीओ) :-
कंपनी में invest करने पर कंपनी की कुछ हिस्सेदारी investors यानी पूंजी लगाने वालों की हो जाती है। कंपनी को अपने विस्तार या किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए या फिर अपना कर्ज चुकाने के लिए काफी fundकी आवश्यकता पड़ती है.
जिसके लिए कंपनी पहली बार पब्लिक या आम लोगों के लिए शेयर मार्केट में अपने शेयर उतारती है इसी को आईपीओ कहते हैं। जिसके बाद पब्लिक इस आईपीओ में invest करती है। इसका मतलब पब्लिक कंपनी द्वारा निर्धारित कीमत पर इन shares को खरीद लेती है जिसके बदले उन्हें कंपनी में कुछ हिस्सेदारी भी मिल जाती है और कंपनी को fund मिल जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे आईपीओ रहे हैं जिनकी listing Issue Price से 50 से 100 फ़ीसदी ज्यादा भाव पर हुई है। किंतु आईपीओ से profit gain करने के लिए IPO की सही पहचान होना आवश्यक है वह भी तब जब मौजूदा समय में आईपीओ मार्केट का प्रदर्शन खराब चल रहा हो।
कैपिटल मार्केट एक ऐसी जगह है जहां invest की परख रखने वाले बेहद ही कम समय में अपनी राशि का दो से तीन गुना बढ़ा सकते हैं उसी प्रकार IPO Market एक अन्य विकल्प है जहां सही issue की पहचान वाले लोग कुछ ही दिनों के भीतर बंपर रिटर्न कमा लेते हैं।
IPO क्या है तथा इसका full form :-
IPO का full form, Initial PublicOfferingजिसे हिंदी में सार्वजनिक प्रस्ताव कहा जाता है आईपीओ एक private company को public company e-transfer करने की एक प्रक्रिया को कहा जाता है।
जब कंपनियों को पैसे की आवश्यकता पड़ती है तब वह शेयर बाजार में खुद को List करा लेती हैं। आईपीओ के माध्यम से प्राप्त पूंजी को कंपनी अपनी आवश्यकता के अनुसार खर्च व इस्तेमाल करती है Fund का उपयोग कर चुकाने या फिर कंपनी की तरक्की आदि के लिए किया जा सकता है।
शेयर मार्केट में listed होने के खातिर प्राइवेट कंपनियाँ जो IPO लाती है वास्तव में वो बड़ी संख्या में आम लोगों, निवेशकों तथा अन्य को कंपनी के sharesallot करती हैं। सरल भाषा में कहें तो अब उस कंपनी का मालिकाना केवल उसे चलाने वाले शेयर होल्डर के पास नहीं होता बल्कि वे सब मालिक होते हैं जिन्हें IPO में शेयर allot किया गया होता है।
आईपीओ में जो share allot किए जाते हैं वह आमतौर पर NSE या BSE जैसे stock exchange पर listed होते हैं जहां पब्लिक इन shares को आसानी से खरीद-बेच सकतीहैं।
जब किसी कंपनी द्वारा पहली बार उसके अपनी कंपनी के sharesका लोगों को ऑफर प्रदान किया जाता है तो यह आईपीओ कहलाता है।Share Market में उतरने के लिए कंपनी द्वारा आईपीओ जारी किया जाता है। शेयर मार्केट में उतरने के बाद कंपनी के shares की खरीददारी व बिक्री शेयर मार्केट में हो सकेगी।
आईपीओ (IPO)खुलने की अवधि :-
आईपीओ के जरिए कोई भी कंपनी 5 या 7 शेयर नहीं देती बल्कि ऑफर किए गए Lot में 1 से लेकर अनगिनत sharesहो सकते हैं। किंतु अब कंपनी द्वारा बताया जाता है कि प्रति व्यक्ति द्वारा कितने लॉट की बुकिंग की जा सकती है, इसकी एक कीमत तय होती है।
आईपीओ लाने की जानकारी कंपनी लोगों तक पहुंचाती है और इसी के तहत कंपनी बताती है कि शेयर खरीदने के लिए किस दिन से बुकिंग आरंभ होगी। आईपीओ 3 से 5 या फिर 7 दिनों के लिए खुलता है और इसके बाद बुकिंग बंद कर दी जाती है। आप इसके बाद किसी भी कंपनी के शेयर के लिए बुकिंग नहीं कर सकते।
IPO में होने वाला फायदा व रिस्क:-
आईपीओ कंपनी के निवेशकों तथाowners को बिक्री के प्रस्ताव के माध्यम से बाहर निकलने का विकल्प भी प्रदान करती है और उन्हें नए व्यवसाय में शुरुआती रिस्क लेने के प्रतिcompensate भी किया जाता है।
असल में companies share stock marketमें listed होती हैवे आईपीओ के जरिए ही आती हैं। ऐसे में जब भी आईपीओ को listedकिया जाता है तो इस बात की संभावनाएं बढ़ जाती है कि share value double हो जाएगी जबकि पहले से ही listedshare को दोगुना करने में बहुत ज्यादा मेहनत पड़ती है। इस प्रकार यह आवश्यक नहीं है कि हर बार IPO double हो।बल्कि कई बार तो इससे कम रहने की भी उम्मीद होती है।
IPO लाने की प्रक्रिया:-
अगर कोई कंपनी IPO लाना चाहती है तो उसे SEBI के पास आवेदन करना होता है। उस आवेदन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को SEBI के पास जमा करना पड़ता है इसे Draft Red Herring Prospects (DRHP) के नाम से जाना जाता है।
किसी भी कंपनी के IPO का DRHP वास्तव में उस कार्यरत कंपनी, उसके share holder,वित्तीय हालत, कानूनी झंझट,कर्ज, आईपीओ से प्राप्त पैसों का इस्तेमाल तथा उससे संबंधित जोखिम आदि की जानकारी प्रदान करता है।
सेबी द्वारा assessment करने के बाद यदि जब सही लगता है तभी कंपनी को आईपीओ लाने की अनुमति मिलती है। सेबी से अनुमति प्राप्त कर लेने के बाद कंपनी अपने शहर के लिए बालियांलगवाती हैं।
इसमें दो तरह के निवेशकों जैसे कि retail और institutional आदि के लिए अलग-अलग शेयर रिजर्व रखे जाते हैं। आमतौर पर किसी भी कंपनी का IPO 3 दिनों के लिए खुला होता है।
आईपीओ(IPO) में निवेश कैसे करें?
यदि कोई निवेशक आईपीओ में invest करना चाहता है तो उसे सबसे पहले एकDemat Accountखुलवाना होगा। डिमैट अकाउंट निवेशक किसी भी जानी-मानीbroking firmसे खुलवा सकते हैं।
पहले लोगों को share allotment पेपर फॉर्म में किया जाता था लेकिन अब यह प्रक्रिया Demat form में ही की जाती है। यही कारण है कि आईपीओ में निवेश के लिए निवेशक का डिमैट अकाउंट होना महत्वपूर्ण है।
डिमैट अकाउंट में ही उनके शेयर allotकिए जाते हैं। आईपीओ में invest करने के लिए आपकोcashया cheque पेमेंट नहीं करना होता बल्कि आपका जो डिमैट अकाउंट है उससे एक खाता लिंक होता है और इसी खाते से आपके आईपीओ से संबंधित सभी लेनदेन होते हैं।
जब तक आप को शेयर allot नहीं होता तब तक खाते में उतनी रकम block रहती है। प्रत्येक आईपीओ के लिए कंपनी द्वारा शेयर का एक इश्यूप्राइस और लौटतय किया जाता है। आईपीओ में प्रत्येक रिटेलइन्वेस्टर द्वारा एक बार में ₹200000 तक ही निवेश किया जा सकता है।
आईपीओ में निवेश करने के बाद शेयर का allotmentIPO बंद होने के बाद होता है और आईपीओ बंद हो जाने के बाद सभी Bidsका assessment होता है और यदि कोई bid अवैध है तो शेयर allot नहीं होता।
यदि किसी आईपीओ को कुल जारी शेयर की तुलना में कम shares या फिर उतने ही shares की बोली प्राप्त होती है तो सभी investors को उनकी बोली के आधार पर share allot हो जाते हैं। तो वहीं जब कोई आईपीओ oversubscribed होता है तो shares काallotmentPro-Rataआधार पर होता है। यह आप के द्वारा लगाई गई बोली से भी कम हो सकता है।
Demat Account :-
डिमैट अकाउंट में आप अपने खरीदे गए shares को ऑनलाइन संभाल कर रख सकते हैं। Trading Account एक ऐसा अकाउंट होता है जिसके जरिए आप आईपीओ के लिए ऑनलाइन apply कर पाते हैं अर्थात ट्रेडिंग अकाउंट से ही किसी कंपनी के शेयर की खरीद और बिक्री होती है।
IPO का Issue Price तथा share Price :-
IPO issue price वह price होता है जिस पर कोई कंपनी अपने sharesबेचतीहै।उसके बाद IPO की Exchange में listing की जाती है।Listing price listing के दिन share की शुरुआती कीमत होती है।shares की मांग और आपूर्तिIssue तथा listing price के मध्य के अंतर का एक प्रमुख कारक है।कंपनी के द्वारा इससे तकरीबन 18,300 करोड़ रुपए की राशि जुटाई गई है।Paytm का IPO निवेश के लिए 10 नवंबर को बंद हो गया। कंपनी द्वारा इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹2080 से ₹2150 प्रति शेयर रखा गया था।
आईपीओ के लिए ऑनलाइन अप्लाईProcess :-
बहुत सारे एप्प आज कल मार्केट में उपलब्ध हैं जैसे की GROW, PAYTM जंहा पे आप अपना अकाउंट बना के आईपीओ के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं.
एसबीआई बैंक से ऑनलाइन आईपीओ भरने का तरीका;
सबसे पहले तो आपको अपनेNet Banking Accountपर login करना है।Login के बाद आपके सामने एक संपूर्ण में menu show होगा जिसमें Account/Payment Transfer/Bill Payment या E-Serviceआदि option मौजूद होंगे। आपको इनमें से e-serviceऑप्शन पर क्लिक करना है तथा नीचे Demat Service & ASABA के option को क्लिक करना है।
अब आपको ASABA Service के section में से IPO Equity पर tap करना है और term&conditions को accept करना है। अगले चरण में आपके सामने आईपीओ की list खुली नजर आएगी जिसमें आईपीओ की open तथा closing date प्रदर्शित होगी। इनमें से आप उन आईपीओ का चुनाव कीजिए जिसके लिए आप apply करना चाहते हैं। Next मेंGo पर क्लिक कर accept कर लीजिए।
कैटेगरी में से इंडिविजुअल को सेलेक्ट कर अपनी संपूर्ण डिटेल्स फिल्म कर दीजिए अंत में सबमिट पर क्लिक कर दीजिए फाइनली आप आईपीओ पेज पर पहुंच जाएंगे और आईपीओ सक्सेसफुलीएप्लाइड का मैसेज आपको रिसीव होगा।
Offline IPO कैसे भरते हैं?
Offline IPOके लिए apply करने के लिए उम्मीदवार के पास एक डिमैट अकाउंट होना compulsoryहै। इस अकाउंट के साथ आपको अपने किसी नजदीकी ब्रोकर के पास जाना होगा और उनसे आईपीओ एप्लीकेशन फॉर्म लेना होगा।
फिर आपको फॉर्म में मांगी गई सारी डिटेल्स को सही से भरना होगा। इसमें आपको अपनी डिटेल्स और आईपीओ जिसके लिए आप apply कर रहे हैं उसकी डिटेल्स भरनी होगी।
एलआईसी का प्राइस बैंड कितना हो सकता है ?

एलआईसी आईपीओ में शेयर के Price अभी तय नहीं किए गए हैं। लेकिन बाजार के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। असल में मार्केट में listed इसके पहले की सरकारी बीमा कंपनियों के आईपीओ का अनुभव या प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
वर्ष 2017 में New India Insurance company का share price770रु से ₹800 का ऑफर प्रदान किया गया था।BSE पर इसकी listing 748.90 की गई थी। वर्तमान मेंNew India Insurance का शेयर pricelist इन priceसे काफी नीचे ₹161 के लगभग पर आ गया है। तो वहीGeneral Insurance Corporation of Indiaको NSE पर 857.50 पर listedकिया गया था लेकिन वर्तमान में इसकी price 149.50रु तक आ गई है।
सरकार के लिए एलआईसी आईपीओ की आवश्यकता:-
सरकार के लिए एलआईसी का विनिवेश बेहद अहम हैं। यदि सरकार को इस वित्त वर्ष में विनिवेश का लक्ष्य जो कि 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा गया है को पूरा करना है तो यह LIC से ही संभव हो सकता है।
देश कीक वित्त मंत्री निर्मलासीतारमण द्वारा बजट पेशकशके दौरान ऐलान किया गया था कि वर्ष 2021 से 2022 में सरकार विनिवेश के माध्यम से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। दो सरकारी बैंकों के privatization की भी योजना रखी गई है किंतु अभी कुछ तय नहीं हुआ है।
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नई घोषणाएं व updates :-
मार्केट में निवेश करने अथवा पैसे लगाने वाले देशों के अधिकतर निवेशक LIC के IPO का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विशेषकर वे निवेशक जिनकी LIC में किसी प्रकार की बीमा पॉलिसी है। इस बेसब्री का कारण है सरकार द्वारा की गई वह घोषणा जिसमें सरकार ऐलान कर चुकी है कि LIC IPO जब खुलेगा तब पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फ़ीसदी शेयर रिजर्व रखे जाएंगे।
तो वहीं 15 दिसंबर, 2021 के बुधवार को LIC ने Policy Holders को अपने पैन कार्ड अपडेट करने की सलाह दी है जिसका फायदा उन्हें आईपीओ के वक्त मिलने वाला है।LIC पॉलिसी धारकों को कर्मचारियों के बराबर काऔदा प्रदान करने के लिए कानून में संशोधन भी किया गया है जिससे उन्हें 10% की छूट पर फ्लोट का 10% हिस्सा प्राप्त हो सके।
LIC के विनिवेश से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए पी चिदंबरम ने एक सवाल उठाया किसरकार एलआईसी के शेयर बाजार में लिस्टिंग किए जाने की कोई अच्छी वजह याकारण बताए। तो वहीं सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि,“LICके जितने भी निवेशक हैं.
वे सभी पूरी तरह से सुरक्षित है यह मैं आश्वस्त करना चाहता हूं”। उन्होंने आगे कहा कि,“सरकार एलआईसी का निजी करण करने नहीं जा रही बल्कि एलआईसी के कुछ shares का विनिवेश करने जा रही।हम चाहते हैं कि LIC पेशेवर तरीके से कार्य करें और उसमें और ज्यादा नया पूंजी का निवेश हो”।
काजल पांडेय affairsworld में एक लेखिका हैं जिनको बिज़नेस , जीवनी आदि जैसे विषय के बारे में जानकारी तथा ३ वर्षो का अनुभव भी है।