Kamalpreet kaur Olympic 2021

कमलप्रीत का कमाल!
शनिवार को जब देश PV Sindhu समेत अन्य स्टार खिलाड़ियों से Tokyo Olympic में पदक की उम्मीद लगाए बैठा था। तब ओलंपिक डेब्यू कर रहीं युवा भारतीय एथलीट Kamal Preet Kaur ने डिस्कस थ्रो में 64 मीटर की दूरी तय करके देश को इतिहास की दहलीज पर ला खड़ा किया।
और जब कमलप्रीत इतिहास रच रहीं थीं तब उनके पिता भी खेतों में काम कर रहे थे। कमलप्रीत का फाइनल मुकाबला सोमवार को खेला जाएगा। जहां उनके पदक हासिल करने पर देश भर की निगाहें रहेंगी।
छोटे से गांव की बड़ी कहानी-Kamalpreet kaur Olympic 2021
कहा जाता है कि बड़े बड़े नाम अक्सर छोटी छोटी जगहों से निकलते हैं। कमलप्रीत की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। इनका जन्म पंजाब के मुक्तसर साहिब के छोटे से गांव बादल में, 4 मार्च 1996 को हुआ।
2012 में पहली बार Physical education कोच की सलाह पर उन्होंने एथलेटिक्स को चुना। वे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहीं। 2014 से कमलप्रीत पूरी तरह से खेल को समर्पित हो गयीं। उन्होंने अपने ही गांव में Sports Authority of India (SAI) के सेन्टर में प्रवेश ले लिया। और ट्रेनिंग शुरू कर दी।
9 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा-Kamalpreet kaur Olympic 2021
कमलप्रीत की शारीरिक बनावट प्राकृतिक रुप से ही मजबूत रही। जिसका फायदा उन्हें अपने अभ्यास के दिनों में मिला। कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद परिणामों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया। 2016 में बारी-बारी से U18 और U20 प्रतियोगिताओं में नेशनल चैंपियन रहीं।
2017 में वह 29वीं विश्व यूनिवर्सिटी खेल प्रतियोगिता में छठवें स्थान पर रहीं। 2019 में दोहा में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी कमलप्रीत पांचवें स्थान पर रहीं।
लेकिन कमलप्रीत कौर का नाम भीड़ में से उभर कर तब सामने आया जब उन्होंने 2019 फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 60.25 मीटर के थ्रो के साथ ना सिर्फ स्वर्ण पदक जीता बल्कि दिग्गज भारतीय थ्रोअर कृष्णा पूनिया का रिकार्ड भी तोड़ा।
रिकार्ड के साथ ओलंपिक का टिकट
अब एथलीट जगत में कमलप्रीत जाना पहचाना नाम बन चुकीं थीं। 2019 पटियाला में आयोजित 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 65.06 मीटर थ्रो के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ ही कमलप्रीत ने Tokyo Olympic के लिए अपना स्थान सुनिश्चित किया।
लेकिन लगभग 6 फीट की ऊंचाई वाली कमलप्रीत कौर में अभी और अधिक ऊंचाई पर पहुंचने की ललक बाकी थी। जून 2021 में 66.59 मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।
लेकिन मंजिल दिख जाने से सफर खत्म नहीं होता। कमलप्रीत यहां तक की यात्रा के बीच भी कई बाधाएं आयीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति वैसे ही कमजोर थी इसके बाद कमलप्रीत को पितृसत्तात्मक समाज से भी लड़ना था।
कोरोना महामारी के समय जब सभी मैदान बंद थे तब कमलप्रीत एथलेटिक्स छोड़ क्रिकेट खेलने का मन बना चुकी थीं। लेकिन जैसे तैसे उन्होंने अपना मनोबल बनाए रखा और ओलिंपिक की तैयारी में जुटी रहीं।
बिना कोच के ओलंपिक की चुनौती-Kamalpreet kaur Olympic 2021
2020 में टाल दिए जाने के बाद, 2021 में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। कमलप्रीत कौर के लिए चुनौतियां मैदान के साथ-साथ बाहर से भी थीं। ओलंपिक के लिए जापान जा रहे कुनबे में कमलप्रीत की कोच राखी त्यागी शामिल नहीं हो सकीं। वे पटियाला में रहकर वीडियो कॉल के माध्यम से कमल को जरूरी सलाह दे रहीं हैं।
शनिवार को जब कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो मुकाबले में उतरी तो उन्हें सीधे फाइनल में जगह बनाने के लिए 64 मीटर की दूरी तय करनी थी। शुरुआती दो प्रयासों में कमलप्रीत मामूली अंतर से चूक गयीं।
लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने ने 64 मीटर की दूरी को तय कर लिया। प्रतियोगिता में उनसे आगे मात्र एक अमेरिकी खिलाड़ी ही आगे निकल सकीं।
सोमवार खेला जाएगा फाइनल
इसके साथ ही कमलप्रीत ने फाइनल में जगह बना ली। उनका मुकाबला सोमवार को खेला जाएगा। इस जीत के बाद उनकी कोच का कहना है कि यदि वे 66.59 मीटर के रिकॉर्ड के आस पास भी ठहरती है तो मेडल पक्का हो जाएगा।