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International Labour Day 2022 Theme, Date In Hindi

Posted on April 26, 2022April 26, 2022 by affairssworld

Introduction(International Labour Day 2022) :-

1 मई बहुत खास है हम सब के लिए क्योंकि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के लिए समर्पित है जिन्होंने दुनिया व देश के निर्माण में कड़ी मेहनत कर अपना सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है तो चलिए आज हम आपको अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के इतिहास के बारे में बताएंगे तो Article को पूरा जरूर पढ़िएगा।

मजदूर/श्रमिक/कामगार दुनिया के हर एक देश के प्रत्येक समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।कामगारों व मजदूरों के बिना कोई औद्योगिक ढांचा खड़ा करना कल्पना से परे है क्योंकि बिना मजदूर के कोई भी इमारत खड़ी नहीं की जा सकती। इसीलिए हर वर्ष 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को श्रम दिवस, श्रमिक दिवस, अन्तर्राष्ट्रीय कर्मचारी दिवस और मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हर व्यक्ति जो किसी व्यक्ति या संस्था के लिए काम कर रहा है और उसके बदले वह पैसे लेता है वह मजदूर की श्रेणी में आता है।

अंतरराष्ट्रीय तौर पर पूरी दुनिया इस दिवस कोमनाती है जिससे कि सभी मजदूरों को उनके कामों व मेहनत के प्रति उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके और मजदूर एसोसिएशन को बढ़ावा दिया जा सके। श्रमिक दिवस को कामकाज करने वाले आदमी व महिला मजदूरों के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के मजदूरों व श्रमिक वर्ग को समर्पित होता है।

International Labour Day (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस )

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका में हुए एक आंदोलन के दौरान हुई। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने के मुद्दे को लेकर आंदोलन पर चले गए थे।मई,1886 दिन मजदूर महिला व पुरुष सभी रोजाना 15-15 घंटों काम कराए जाने व शोषण के खिलाफ पूरे अमेरिका में सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतर आए थे।

जब अमेरिकी मजदूर यूनियन ने अपने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा ना रखे जाने के लिए हड़ताल की थी और इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट मेंएक बम धमाका हुआ था यह बम किसने फेंका इसका पता नहीं किसी को नहीं चला इसी के निष्कर्ष पर पुलिस प्रशासन ने मजदूरों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें 7 मज़दूर मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

इन घटनाओं के कुछ समय बाद ही अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निर्धारित कर दिया गया। वर्तमान में भारत समेत कई और अन्य मुल्कों में मजदूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित नियम-कानून लागू है।अंतर्राष्ट्रीय मजदूर आंदोलन,समाज वादियों,साम्यवादियों तथा अराजकतावादियों द्वारा समर्थित यह दिवस ऐतिहासिक तौर पर केल्त बसंत महोत्सव से भी संबंधित है।इस दिवस का चुनाव हेमार्केट घटनाक्रम की स्मृति में, जो कि 4 मई 1886 को घटा था,द्वितीय अंतरराष्ट्रीय बैठक के दौरान किया गया।

इसके बाद 1889 में पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें यह उल्लेखित था कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रुप में मनाया जाए तभी से दुनिया के 80 देशों में मई दिवस/मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।इस दिवस के अनुयायी काम करने वाले सभी मजदूरों और उनके श्रम यूनियनों व एच्छिक व्यक्ति हैं।

इसके पीछे का इतिहास व शुरुआत–

1886 के पहले तक अमेरिका में मजदूरों से 1 दिन में 10 से 15 घंटों तक काम लिया जाता था काम के दौरान उनकी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जाता था उन्हें कई चोटें आ जाया करती थी कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो जाए करते थे और तो और काम के दौरान कई मजदूरों की मौत भी हो जाया करती थी.

इसी के खिलाफ 1886 में वहां के नागरिकों व मजदूरों की आवाज बुलंद हुई और वे सड़कों पर प्रदर्शन के लिए निकले। 1986 अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक के दौरान 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस मनाने की शुरुआत मानी जाती है।

यूरोप में इस दिन को पारंपरिक तौर पर बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है और दुनिया के लगभग 80 देशों में इस दिन को National Holiday घोषित किया गया है। कनाडा तथा अमेरिका में मजदूर/श्रमिक दिवस सितंबर माह के पहले सोमवार को पड़ता है।

क्यों मनाते हैं International Labour Day ?

इस दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण श्रमिकों की उपलब्धियोंका जश्न मनाना व उनके शोषण के विषय में जागरूकता फैलाना है। हिंदुस्तान की अध्यक्षता में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई इस मुद्दे को कई सोशल पार्टीज और संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ।1 मई 1923 के दिन मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को घटाकर 8 घंटे सुनिश्चित किया गया था।

हमारे देश यानी भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने कहा था कि किसी भी देश की तरक्की उस देश के मजदूरों व किसानों पर निर्भर करती है अर्थात मजदूरों व किसानों के बगैर देश खोखला है। 1 मई के दिन ही महाराष्ट्र में महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले में मजदूर दिवस मनाते हैं और वहां के सभी व्यापारी व कारीगर इस दिन छुट्टी रखते हैं।

मजदूरी के काम में बच्चे, महिलाएं, पुरुष व बूढ़े सभी काम किया करते थे इनका अनुपात बढ़ता ही जा रहा था इसलिए इनके अधिकारों के हनन को रोकना बेहद आवश्यकता था और इसी के लिए लोगों ने विरोध में आवाज उठाई और प्रदर्शन प्रारंभ किया।

उद्देश्य:- कोई भी देश हो, समाज हो,संस्था हो या उद्योग होहर क्षेत्र में इन सब को तैयार करने के पीछे मजदूरों व कामगारों की एक अहम भूमिकाहोती है इसलिए अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने के पीछेकईसारे खास उद्देश्य हैं-

मजदूरों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना,

उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों का सम्मान करना,

उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाना व उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करना,

उनके योगदान की चर्चा करना व हरकिसी तब तक इस विषय को पहुंचाना,

मजदूर संगठन को पूर्ण रूप से मजबूती प्रदान करना आदि इस दिवस को हर वर्ष मनाने के पीछे के उद्देश्य हैं।

International Labour Day 2022 Theme in Hindi (अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की थीम)

इस बार की अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की थीम इंग्लिश में – Act together to build a positive safety and health culture. और हिंदी में – सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण करने के लिए मिलकर कार्य करें।

भारत में पहली बार Labour Day :-

मजदूर दिवस पहली बार 1 मई 1886 को मनाया गया औरभारत में पहली बार भारत के मद्रास (जो वर्तमान का चेन्नई है)में 1 मई 1923 को celebrate किया गया था। इसका प्रारंभ भारतीय लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा किया गया था। इस अवसर पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे को लहराया गया।

लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान के लीडर सिंगारा वेलुचेत्तिअर थे जिन्होंने इस दिन को मनाने के लिए दो स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए थे मद्रास हाई कोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया गया और एक संकल्प को पास करने की सहमति बनाई गई कि इस दिवस को इंडिया में भी मजदूर कामगार दिवस के तौर पर मनाया जाए और इस दिन छुट्टी रहने का ऐलान किया जाए।

First meeting ट्रिपलीकेन बीच में तथा दूसरी मीटिंग मद्रास हाई कोर्ट के सामने वाले बीच में organize की गई थी। इस आयोजित मीटिंग में सिंगारावेलु ने 1 मई को मजदूर दिवस घोषित करने की भारत सरकार से दरख्वास्त अथवा अपील की थी साथ ही इस दिन को holiday के रूप में मनाने की भी राय दी। India में इस दिवस कोWorker Day,International Worker Day or Labour Day आदि नामों से जाना जाता है।

इसके आयोजन व कार्यक्रम :-

1 मई, मजदूर दिवस वाले दिन सभी कंपनियां, संस्थाएं और विभागों का अवकाश रहता है लेकिन कुछ स्कूलों व कॉलेजोंमें इसका खास महत्व है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में समारोह आयोजित किए जाते हैं छात्र-छात्रा मजदूरों के प्रति अपनी संवेदनाएँव भावनाएं व्यक्त करते हैं, वे तरह-तरह के नाटक का performance पेश करते हैं, भाषण देते हैं और स्कूल के प्रधानाचार्य अपने सह-शिक्षकों को सम्मानित करते हैं और बच्चों में मजदूरों के प्रति सम्मान व उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं।

मजदूर वर्गों द्वारा तरह-तरह की रैलियां निकाली जाती है प्रदर्शन के तौर पर अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए वे हर्षोल्लास के साथ इस दिन को मनाते हैं। भारत समेत दुनिया भर के देशों द्वारा इस दिवस को एक विरोध के तौर पर मनाया जाता है।

कामकाजी पुरुष व महिलाएं अपने हितों व अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदर्शन के रूप में जुलूस निकालते हैं और अपनी बात व समस्याएं जाहिर करते हैं, अपने एकता की ताकत को जाहिर करतेहैं, उनके हितों के प्रति चिंता जताई जाती है चर्चाएं की जाती हैं उन्हें जागरूक किया जाता हैं।

विभिन्न ट्रेड यूनियन व श्रम संगठन अपनी टीम के साथ रैली, जुलूस व परेड निकालते हैं बच्चे भी तरह-तरह की प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।इस अवसर परलोगों की छुट्टी भी रहती है।

इस दिन सेमिनारों व कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन पर सभी न्यूज़ चैनल, रेडियो और सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोगों को Labour Day की wishes दी जाती है messages भेजे जाते हैं। राजनीतिक पार्टियों व उनके नेता पब्लिक के बीच भाषण देते हैं।

महाराष्ट्र का उत्सव :-वर्ष 1960 में मुंबई को भाषा के आधार पर दो भागों में बांट दिया गया था जिससे महाराष्ट्र व गुजरात को इसी दिन यानी 1 मई को स्वतंत्र राज्य का दर्जा हासिल हुआ था यही कारण है कि मई दिवस के दिन ही महाराष्ट्र दिवस व गुजरात दिवस के रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

Conclusion :-आपको यह जानकारी(International Labour Day 2022 Theme in Hindi – अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की थीम) कैसी लगी comment section में Comment कर जरूर बताएं और इस लेख को अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ share करें।ऐसी तमाम अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2022 की थीम?

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2022 की थीम इस बार की अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की थीम इंग्लिश में – Act together to build a positive safety and health culture. और हिंदी में – सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण करने के लिए मिलकर कार्य करें।

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