G20 Troika में शामिल हुआ भारत(India Entered in G20 Troika)
भारत के लिए 1 दिसंबर का दिन बेहद खास बन चुका है। इस दिन भारत G20 Troika में शामिल हुआ भारत(India Entered in G20 Troika) , जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल है।
G20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, जो इस मान्यता को दर्शाता है कि वैश्विक समृद्धि आवश्यक है और हमारे आर्थिक अवसर और चुनौतियां आपस में जुड़ी हुई हैं। भविष्य की बेहतर तैयारी के लिए G 20 देश एक साथ आए हैं।
इसके साथ ही अब भारत 2023 में होने वाले G 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भारत में इसका आयोजन (India Entered in G20 Troika)करेगा।
वहीं 2022 का G 20 का शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया में होगा। G 20 के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत ने महत्वपूर्ण महत्व के मुद्दों और दुनिया भर में सबसे कमजोर लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को इस मंच पर उठाया।
इंडोनेशिया ने गुरुवार को G 20 की अध्यक्षता ग्रहण की और अब वह 2022 में होने वाली सभी विभिन्न जी 20 बैठकें आयोजित करेगा, जिसका समापन Recover Together Recover stronger के समग्र विषय के तहत 30-31 अक्टूबर 2022 को G20 लीडर्स शिखर सम्मेलन के साथ होगा।
G20 क्या है? (What is G20)
G20 समूह विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधि, यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। जिसका पूरा नाम Group of 20 है।
G20 समूह दुनिया की प्रमुख उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को एक साथ लाता है। यह वैश्विक व्यापार का 75%, वैश्विक निवेश का 85%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85% तथा विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है जिसे G7 द्वारा विकसित एवं विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग से स्थापित किया गया था। वर्ष 1999 से वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का सम्मेलन आयोजित किया जाता है।
G20 राष्ट्रों के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नर वर्ष में दो बार बैठक करते हैं जिसमें विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रतिनिधि भी भाग लेते हैं।
G20 समूह के सदस्य(members of g20)
G20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
स्पेन को एक स्थायी, गैर-सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाता है जो प्रत्येक वर्ष G20 सम्मेलन में भाग लेता है।
G20 की उत्पत्ति
G 20 का प्रारंभ 1999 में एशियन फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद हुआ। एशिया में आए आर्थिक संकट के फलस्वरूप विचार बना की G-7 और G-8 जैसे समूह स्थिति संभाल पाने में सक्षम नहीं है। आवश्यकता समझी गयी नए उभरते देशों के हिस्सेदारी की।
ऐसे गठन हुआ G-20 समूह का जिसमें अर्थव्यवस्था, राजकोष संचालन और व्यापार के विषय पर सामूहिक विचार-विमर्श करने के लिए 19 देशों तथा यूरोपीय यूनियन (EU) के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक को सदस्य बनाया गया।
इस तरह पहली बार गठन हुआ विकसित और विकासशील देशों का यह समूह जिसका उद्देश्य विश्व के विभिन्न देशों की आर्थिक और व्यापार नीतियों में सामंजस्य लाना था।
2008 में अमेरिका से शुरू हुआ वित्तीय संकट पूरे विश्व में भयानक संक्रमण की तरह फैला। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश ने ऐसे समय में G20 के स्वरूप को और विस्तृत और वृहद करने के लिये इस समूह को और उच्चस्तरीय बनाने का प्रस्ताव किया।
इस तरह इन 19 देशों तथा यूरोपीय संघ के शीर्ष कार्यवाहक नेता इसके कर्णधार बने। और वास्तव में G20 के माध्यम से भिन्न देशों की मौद्रिक, राजकोषीय और व्यापार नीतियों में समन्वय के कारण ही 2008 में आए कठोर वित्तीय संकट से निजात पाने में काफी हद तक सफलता भी मिली।
G20 के कार्य (work of g20)
G20 समूह का अध्यक्ष पद सदस्य देशों के मध्य वार्षिक तौर पर एक प्रक्रिया के तहत रोटेट होता रहता है जो समय के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करता है।
अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये 19 राष्ट्रों को 5 समूहों में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक समूह में 4 देश से अधिक नहीं होते हैं। अध्यक्ष पद वार्षिक स्तर पर प्रत्येक समूह में रोटेट होता है।
प्रत्येक वर्ष G20 का कोई समूह, अध्यक्ष पद के लिये किसी अन्य समूह से किसी एक देश का चयन करता है। भारत समूह 2 में है जिसमें रूस, दक्षिण अफ्रीका एवं तुर्की भी शामिल हैं।
G20 समूह के पास स्थायी सचिवालय या मुख्यालय नहीं होता है। इसके अतिरिक्त G20 समूह का अध्यक्ष अन्य सदस्यों के साथ परामर्श करके G20 एजेंडा को लागू करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास हेतु उत्तरदायी है।

G20 Troika क्या है?(what is g20 troika)
Troika का अर्थ है एक साथ काम करने वाले तीन लोगों का समूह। यह एक अंग्रेजी शब्द है। G20 का Troika वर्तमान, अगले और तत्काल अतीत के मेजबान देशों से बना है। Troika निरंतरता सुनिश्चित करता है और अध्यक्ष पद का समर्थन प्रदान करता है।
भारत हाल ही में G20 Troika में शामिल हुआ । G20 Troika इंडोनेशिया, भारत और इटली से बना है। यानी Troika वर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया, पिछले अध्यक्ष इटली और भविष्य के अध्यक्ष भारत से बना है।
G20 में Troika की क्या जरूरत है?
G20 स्थायी कर्मचारी या सचिवालय के बिना काम करता है। वर्तमान अध्यक्ष अस्थायी रूप से सचिवालय की स्थापना करता है। यह सचिवालय बैठकें आयोजित करता है और समूह के कामकाज का समन्वय करता है। इस प्रकार, सचिवालय के साथ मदद करने के लिए Troika की आवश्यकता है ताकि G20 के कार्यों में निरंतरता बनी रहे।
Troika कौन बनाता है?
2019 में, G20 की मेजबानी जापान द्वारा की गई थी। 2020 में, इटली ने G20 की मेजबानी की। 2022, 2023 और 2024 में इसकी मेजबानी इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील करेंगे।
इस प्रकार, 2020 में जापान, इटली और इंडोनेशिया, 2021 में इटली, इंडोनेशिया और भारत ने G20 Troika का निर्माण किया। अब 2022 में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील G20 Troika का निर्माण करेगा।
पिछले G 20 सम्मेलन की मुख्य बातें
G20 देशों का पिछला सम्मेलन अध्यक्षता इटली द्वारा आयोजित किया गया। यह नवंबर 2021 में संपन्न हुआ।
पिछले दिनों संपन्न G20 शिखर सम्मेलन में राजनेताओं ने सदी के मध्य तक या उसके आसपास कार्बन तटस्थता अथवा Carbon neutrality के निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने के सहमति जताई है।
सभी सदस्य देशों ने रोम घोषणा के प्रस्तावों को अपनाया है एक अंतिम रिपोर्ट में उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित करने के लिये ‘सार्थक और प्रभावी’ कार्रवाई का भी संकल्प किया है। हालाँकि इस पर कोई समयबद्ध या बाध्यकारी समझौता नहीं हुआ है।
इससे पहले G20 जलवायु जोखिम को ध्यान में रखते हुए एटलस जारी किया गया था जो G20 देशों में जलवायु परिदृश्य, सूचना, डेटा और जलवायु में भविष्य में परिवर्तन प्रदान करता है।
जलवायु परिवर्तन पर जोर(India Entered in G20 Troika)
जलवायु परिवर्तन कोयला के सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए G20 देशों ने आह्वान किया कि कोयला आधारित संयंत्रों की सहायता को प्रतिबंधित किया जाए। इसमें इस वर्ष (2021) के अंत तक विदेशी अनुसमर्थन प्राप्त कोल आधारित बिजली उत्पादन के आर्थिक पोषण को रोकने का संकल्प शामिल था।
इसके साथ ही इस सम्मेलन में COP 26 के लिये रोडमैप भी तैयार किया गया। इसने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों से वैश्विक जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने के लिये अपनी कार्य योजना बनाने का आग्रह किया।
यह ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में आयोजित हुई संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP26) के संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण कदम था। इसका उल्लेख COP 26 के दौरान भी देखने को मिला था।
बढ़ते तापमान को नियंत्रितकरने वित्तपोषण के लिए PPP मॉडल पर भी पिछले G 20 सम्मेलन में विचार साझा किए गए।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी या Public Private Partnership (PPP) वैश्विक तापमान वृद्धि को कम करने वाले स्वच्छ, सतत् ऊर्जा स्रोतों में ट्रांज़िशन हेतु आवश्यक वार्षिक निवेश के रूप में खरबों डॉलर प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है।
भारत का पक्ष(G20 Troika में शामिल हुआ भारत)
इस सम्मेलन में भारत ने अपने विचारों को भी साझा किया। कोविड महामारी के इस दौर में भारत ने वैक्सीन असमानता पर दुनिया का ध्यान खींचा।
दुनिया भर में वैक्सीन असमानता को दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए भारत अगले वर्ष (2022) के अंत तक 5 बिलियन से अधिक वैक्सीन खुराक का उत्पादन करने के लिये तैयार है।भारत ने वैक्सीन अनुसंधान, निर्माण और नवाचार पर भी ज़ोर दिया।
स्वास्थ्य प्राथमिकता पर जोर देते हुए भारत ने One Earth One Health पर जोर दिया था।
One Earth One Health किसी भी प्रकार की महामारी के विरुद्ध लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में एक सहयोगी दृष्टिकोण साबित हो सकता है। लेकिन G20 सम्मेलन में वैक्सीन पेटेंट छूट को लेकर विवाद पर बात नहीं हुई।
इसके अलावा भारत ने लचीली वैश्विक आपूर्ति शृंखला की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और G20 देशों को भारत को आर्थिक सुधार व आपूर्ति शृंखला विविधीकरण में भागीदार बनाने हेतु आमंत्रित किया।
भारत ने वैश्विक वित्तीय ढाँचे को ‘अधिक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष’ बनाने के लिये 15 प्रतिशत न्यूनतम कॉर्पोरेट कर के G-20 के निर्णय की भी सराहना की। भारत ने यूरोपीय संघ की इंडो-पैसिफिक रणनीति और उसमें फ्राँसीसी नेतृत्व का स्वागत किया।
अन्य पहलू (India Entered in G20 Troika)
इस सम्मेलन में कुछ ठोस कार्रवाइयाँ तो की गई थीं। लेकिन उन्हें अमल में लाने के प्रयास अधूरे रहे। शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिये 2050 की किसी विशेष तारीख का कोई संदर्भ नहीं दिया गया था।
इसके अलावा इस सम्मेलन में पिछले मसौदे में ‘उत्सर्जन को काफी कम करने’ के लक्ष्य के संदर्भों को हटा दिया गया।
इसमें घरेलू स्तर पर कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, जो चीन और भारत जैसे शीर्ष कार्बन प्रदूषकों के लिये एक स्पष्ट मंज़ूरी है। उदाहरण के लिये चीन ने घरेलू कोयला संयंत्रों के निर्माण की अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की है।
India Entered in G20 Troika (G20 Troika में शामिल हुआ भारत) पे दी गयी जानकारी कैसी लगी अपनी राय व्यक्त जरूर व्यक्त करें।
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