गांधी जी कौन थे?
Gandhi Jayanti Speech In Hindi:- गांधी जी हमारे भारत के राष्ट्रपिता तथा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख आध्यात्मिक एवंराजनैतिक नेता थे जिन्हें बापू के नाम से भी बुलाया जाता है।
इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
30 जनवरी 1948 हत्या के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के नारे व सिद्धांत के साथ अंग्रेज को भारत छोड़ने पर पूरी तरह मजबूर कर दिया था।
उन्होंने पूरे भारत को मार्गदर्शन प्रदान किया और हमारे देश भारत को आजादी दिलाई, हमें अंग्रेजों के गुलामी के चंगुल से बाहर निकाला।
गांधी जी के साथ कई अन्य महान नेता भी इस अभियान में शामिल थे।गांधी जी ने भारत को एक नया जीवनदान प्रदान किया।
गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाईकरमचंद गांधी तथा पिता का नाम करमचंद गांधी था।12 अप्रैल, 1919 के दौरान गांधीजी के एक लेख में उन्हें बापू के नाम से स्मरण किया गया है।
उन्हें ‘महात्मा’ नाम से भी पुकारा जाता था जिसके लिए विभिन्न मतें हैं।1930 में गांधीजी को अमेरिका की टाइम मैगजीन द्वारा मैन ऑफ द ईयर की उपाधि से नवाजा गया था। इन लाइन्स को जब Gandhi Jayanti Speech In Hindi में शुरुवात कर रहे हैं तब सबसे पहले जांधि जी के बारे में ही बातये।

गांधी जी की जीवन यात्रा व उनके संघर्ष:-
शिक्षा पूरी होने के पश्चात गांधी जी वकील बने और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों को नागरिकता अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष के दौरान सत्याग्रह के मार्ग को चुना।
वर्ष 1915 में वे भारत वापस आए यहां उन्होंने किसानों श्रमिकों को अधिक भूमि कर दिलाने तथा भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सभी को एकजुट किया।
1919 में जलियांवाला बाग घटना होने के बाद से ही ब्रिटिश सरकार के खिलाफ में आवाज उठने लगी और असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई।
सन् 1921 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
इसी दौरान उन्होंने दरिद्रता खत्म करने, धार्मिक एवं जाति एकता के निर्माण, महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाने के लिए एवं लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रति अस्पृश्यता के खिलाफ विरोध किया और इसके लिए अनेक कार्यक्रम चलाए।
1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाए गए नमक कर के विरोध में नमक सत्याग्रह अभियान किया।
नमक मार्च अथवा नमक सत्याग्रह भी इसी दौरान 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम में से शुरू हुआ तथा 26 दिनों तक चला।
1930,सविनय अवज्ञा (अहिंसक) आंदोलन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख किरदार था।
इस आंदोलन से ब्रिटिश अधिकारी भी सोच में पड़ गए कि अहिंसक विरोध पर कैसे कार्यवाही की जाए और यह भी कहा कि अहिंसक प्रदर्शनकारियों की तुलना में हिंसक प्रदर्शनकारियों से युद्ध करना ज्यादा आसान था।
सविनय अवज्ञा आंदोलन से ब्रिटिश प्रशासन पूरी तरह हिल गया और उसे आर्थिक व प्रशासनिक रूप से काफी नुकसान झेलना पड़ा।
आंदोलन के दौरान महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ी और उन्होंने सत्याग्रह में हिस्सा लिया।
स्वदेशी आंदोलन के दौरान भारत ने उत्पाद निर्माणों के लिए कई सारी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की।
ब्रिटिश लोगों द्वारा उत्पादों के बहिष्कार के चलते ब्रिटेन से आयात पर काफी प्रभाव पड़ा।
उसी दौरानजनता व किसानों ने सरकार को कर भुगतान करने से इनकार किया और नमक उत्पादन करना (नमक मार्च) प्रारंभ कर दिया जिस कारण ब्रिटिश सरकार को आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ा।
लोगों ने ब्रिटिश प्रशासन के प्रमुख कार्यकारी व सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया और नौकरी छोड़ दी। सभी ने राष्ट्रीय आंदोलन का समर्थन किया।
1942 में ब्रिटिश लोगों को भारत से भगाने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन चलाए उन्हें कई वर्षों तक अमरीका और भारत के कारा गृह में भी रहना पड़ा था।
15 अगस्त 1947 को भारत के आजादी मिलने के दौरान गांधीजी बंगाल केनोआरवली में हिंदू और मुसलमानों के बीच चल रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन ग्रहण किए हुए थे।
गांधी जी ने भारत को आजाद करने के लिए बहुत लंबे व संघर्ष भरी लड़ाई लड़ी थी.(Gandhi Jayanti Speech In Hindi)
गांधी जयंती क्या है तथा इस दिवस को मनाने के उद्देश्य :-
गांधी जयंती को गांधी जी के अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है।2 अक्टूबर गांधी जयंती के साथ ही अहिंसात्मकअन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी पूरे विश्व में मनाया जाता है.
क्योंकि 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस स्थापित करने के उद्देश्य से मतदान किया गया था.
जिसमें सभी सदस्यों द्वारा 2 अक्टूबर को इस दिवस के रूप में स्वीकारा गया था।यह दिवस गांधी जी के सम्मान में उनको श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाते हैं।
सभी के अंदर देशभक्ति की भावना को जगाना।
वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के उद्देश्य से यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है।
उन्होंने सिखाया था कि सभी युद्ध हिंसा से नहीं जीते जाते उनके दृढ़ संकल्प व इच्छाशक्ति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया।
हिंसात्मक प्रभाव तथा अपराधों को जङ से खत्म करना।
यह सीख देना कि हम अपने न्याय के मार्ग पर चलकर कैसे सकारात्मक तरीके से देश को बदल सकते हैं तथा बेहतर बना सकते हैं।
गांधी जी के नारे:-(Gandhi Ji ke nare in hindi)
1.गांधी जी के कई नारे सुप्रसिद्ध है जो निम्न हैं-
2.भारत छोड़ो।
3.करो या मरो।
4.भगवान का कोई धर्म नहीं होता है, बल्कि जहां प्रेम है वहां जीवन है।
5.किसी से मेहरबानी मांगना या लेना, अपनी आजादी को बेचने के समान है।
6.कानूनों का दुरुपयोग मन को दूषित करता है।
7.दुनिया के सभी धर्म भले ही चीजों में अंतर रखते हों लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि 8.दुनिया में कुछ नहीं केवल सत्य जीवित रहता है।
9.मैं मरने के लिए तैयार हूं पर ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके लिए मैं मरने को तैयार हूं।
10.आप मुझे अपनी बेङियों द्वारा जकङ सकते हो, यातनाएं भी दे सकते हो, यहां तक कि आप इस शरीर को खत्म भी कर सकते हो, परन्तु आप कभी भी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते हो।
गांधी जी के अनमोल विचार:-
गांधीजी के कुछ प्रेरक विचार इस प्रकार प्रस्तुत है-
व्यक्ति अपने विचारों के बिना व सिवाय कुछ भी नहीं है, वह जैसा तथा जो सोचता है वह बन जाता है।
धैर्य का एक छोटा सा हिस्सा भी 1 टन उपदेश से बेहतर होता है।
हमारा स्वास्थ्य ही हमारी असली सम्पत्ति है न कि सोना और चांदी।
गौरव तो लक्ष्य को पाने के प्रति प्रयास करने में है, ना कि लक्ष्य तक पहुंचने में।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, बल्कि यह तो हमारी अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
गांधी जी द्वारा चलाए गए आंदोलनों के नाम:-
भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
असहयोग आंदोलन (1920)
खिलाफत आंदोलन (1919)
खेड़ा आंदोलन (1918)
सविनय अवज्ञा आंदोलन दांडी मार्च और गांधी इरविन समझौता।
चंपारण आंदोलन (1917)
देशभर में गांधी जयंती का आयोजन(Gandhi Jayanti Speech In Hindi)
2 अक्टूबर ऐसा शुभ व महत्वपूर्ण दिन है जब गांधीजी जन्मे थे।इस दिवस को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है।गांधी जी की जयंती को पूरा देश हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है।
भारत में मुख्य तीन राष्ट्रीय अवकाश पङते हैं जिनमें से एक गांधी जयंती भी है। गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होता है.
इसलिए इस दिन भारत में सारे सरकारी दफ्तर, कॉलेज, स्कूल, बैंक तथा अन्य संस्थान बंद रहते हैं।
इस वजह से सभी सामाजिक व राजनीतिक समुदायों में 1 अक्टूबर को गांधी जयंती कोcelebrate किया जाता है।
इस समारोह का आयोजन सरकारी व प्राइवेट कंपनियों तथा क्षेत्रों में भी किया जाता है जिसमें लोग देश के महान पुरुष स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान के उद्देश्य से शामिल होते हैं।
वैसे तो भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अनुशासित गांधी जयंती आयोजन किए जाते हैं परंतु विशेषकर तथा मुख्य रूप से
दिल्ली में यह जश्न बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि गांधी जी की स्मारक दिल्ली में है।यहां छोटे-बड़े स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें सभी देशवासी मौजूद होते हैं।
आयोजन के दौरान जुलूस निकाले जाते हैं, प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं तथा बाजार जैसे स्थानों पर देशभक्ति गीत बजाए जाते हैं।
राजधानी के राजनीतिक कार्यालयों तथा सरकारी कार्यालयों को भी इस अवसर पर सजाया जाता है।इस अवसर पर सारे नशीले पदार्थों की बिक्री तथा अन्य हानिकारक गतिविधियों पर सरकार द्वारा रोक लगी होती है।
गांधीजी का एक गीत रघुपति राघव राजा राम विशेष रूप से उनका पसंदीदा था और इनके जयंती दिवस पर भी या गीत जरूर गाया जाता है देश भर में जहाँ-जहां उनकी प्रतिमाएं बनाई गई है.
इस अवसर पर उन सभी प्रतिमाओं पर फूल की मालाएं पहनाई जाती हैं। गांधी जी का स्मारक शांति, सत्यता व अहिंसा का प्रतीक है।
विद्यालयों में गांधी जयंती उत्सव कैसे मनाया जाता है (Gandhi Jayanti Speech In Hindi)
विद्यालयों व कॉलेजों में इस अवसर पर वाद-विवाद, चित्रकला, निबंध तथा भाषण जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जो गांधी जी के सम्मान तथा उनके महान कार्य विधियों की गाथा के लिए होता है ।
बच्चे शिक्षक व प्रिंसिपल सभी इस उत्सव का हिस्सा होते हैं। बच्चे गांधीजी का वेश बनाकर उनकी कहानियों की प्रस्तुति करते हैं महान स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा गाते हैं। प्रतियोगिताएं जीतने पर बच्चे पुरस्कृत किए जाते हैं।
आवासीय क्षेत्रों में गांधी जयंती उत्सव कैसे मनाया जाता है
भारत के हर नागरिक के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है इसलिए सभीलोगसोसायटी, पार्क या सभागार में एकत्रित होकर इस दिवस को मनाते हैं।
हमें स्वतंत्रता दिलाने वाले राष्ट्रपिताके याद में इस दिन भाषण दिए जाते हैं।इस दिन पूरा देशदेशभक्ति के रंग में सराबोर रहता है।
अहिंसा के विषयों पर गांधीजी के सफल प्रयास के प्रति नाटक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कविता प्रार्थना इत्यादि इस आयोजन का हिस्सा होता है।
भारतीय राजनेताओं द्वारा गांधी जयंती उत्सव
दिल्ली के राजघाट में महात्मा गांधी जी के स्मारक स्थित है। इस दिन बहुत सारे राजनीतिक नेता व पब्लिक उनके स्मारक पर जाते हैं और सभी उनकी आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
राजनीतिक नेताओं में मुख्य रूप से भारत के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा कई अन्य नेता शामिल होते हैं।
सभी नेता स्मारक पर जाते हैं फूल चढ़ाते हैं और गांधी जी की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
इसी दौरान गांधीजी के लिए गीत गाए जाते हैं तथा उनके विचारधाराओं को याद किया जाता है।
राजनीतिक नेता गांधी जी को आज भी याद करते हैं।
नई पीढ़ी में गांधी जयंती के प्रति जागरूकता
इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य यह है कि इस दिवस के प्रति नई पीढ़ियों को जागरूक किया जाए।
उन्हें यह संदेश दिया जा सके कि कैसे बिना हिंसा की ये आप अपने जीवन में संघर्ष कर सकते हैं और जीत सकते हैं।
लोगों को हमारे अतीत से परिचित कराना बेहद आवश्यक है। गांधी जी ने अपना पूरा जीवन देश के प्रति कुर्बान कर दिया।उनका बलिदान हम सबको जीवन भर याद रहेगा।
उन्होंने सबको न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश दिया महिलाओं को उनका हक दिलाया लोगों के बीच जात-पात ऊंच-नीच जैसे भेदभाव को खत्म करने का पूरा प्रयास किया।
भारत को गुलामी भरे जीवन से छुटकारा दिलाया नई पीढ़ियों को इन सब विषयों से जागरूक करना बेहद आवश्यक जिससे वह भी सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही मार्ग खोजें
आखिर हम आज इतने आजादी के साथ कैसे जी रहे हैं यह जानना सबके लिए बेहद जरूरी है।गांधीजी की छवि आने वाली हर पीढ़ी के दिल में जिंदा रहना चाहिए जिससे भारत फिर किसी का गुलाम ना बन पाए।
गांधीजी की प्रमुख विशेषताएं
महात्मा गांधी स्वतंत्रता सेनानियों में अन्य नेताओं से थोड़ा भिन्न थे। क्योंकि उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर मार्ग सफलता प्राप्त करने का प्रयत्न किया।
जबकि अन्य सेनानियों के अनुसार अंग्रेजों को हिंसा एवं आक्रमण के साथ ही देश के बाहर निकाला जा सकता था।
गांधीजी का अहिंसा और सत्यता का मार्ग उनके प्रभाव को उभारने में महत्वपूर्ण रहा। इसी वजह से उनको सबसे ज्यादा याद व सम्मान प्रदान किया जाता है।
उनके शांतिपूर्ण व शक्तिशाली स्वभाव तथा विचारधाराओं ने आज तक लोगों के मन में अपनी छवि छोड़ रखी है और सारे भारतवासियों को अपने से जोड़ रखा है।
गांधीजी ना होते तो शायद आज हम भी आजाद/स्वतंत्र न होते। गांधी जी का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
गाँधी जयंती पर हम क्या करते हैं ?
गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होता है.
इसलिए इस दिन भारत में सारे सरकारी दफ्तर, कॉलेज, स्कूल, बैंक तथा अन्य संस्थान बंद रहते हैं।
इस समारोह का आयोजन सरकारी व प्राइवेट कंपनियों तथा क्षेत्रों में भी किया जाता है जिसमें लोग देश के महान पुरुष स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान के उद्देश्य से शामिल होते हैं।
वैसे तो भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अनुशासित गांधी जयंती आयोजन किए जाते हैं परंतु विशेषकर तथा मुख्य रूप स
दिल्ली में यह जश्न बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि गांधी जी की स्मारक दिल्ली में है।यहां छोटे-बड़े स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें सभी देशवासी मौजूद होते हैं।
आयोजन के दौरान जुलूस निकाले जाते हैं, प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं तथा बाजार जैसे स्थानों पर देशभक्ति गीत बजाए जाते हैं।
2 अक्टूबर गांधी जयंती क्यों मनाते हैं?
2 अक्टूबर ऐसा शुभ व महत्वपूर्ण दिन है जब गांधीजी जन्मे थे.इस दिवस को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है. इसीलिए 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है।
2 अक्टूबर को क्या क्या मनाया जाता है?
2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है।
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काजल पांडेय affairsworld में एक लेखिका हैं जिनको बिज़नेस , जीवनी आदि जैसे विषय के बारे में जानकारी तथा ३ वर्षो का अनुभव भी है।