Essay On Water Conservation In Hindi
Introduction :-जैसा कि हम सभी जानते हैं जल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है यदि जल ना हो तो जीवन असंभव बिना जलके ना तो मनुष्य जीवित रह सकता है ना जीव जंतु और ना ही पेड़-पौधे जल बहाव की असीमित मात्रा हमारे भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा संकट है.
इसलिए हमें जितना हो सके जल संरक्षण एवं संचय करना चाहिए कम से कम ही पानी को बहाना चाहिए और वर्षा के जल को एकत्रित कर उसका उपयोग करना चाहिए।
भविष्य में जल की कमी ना हो इसलिए हमारे अस्तित्व को कायम रखने के लिए जल संरक्षण बेहद आवश्यक है। आजकल धीरे-धीरे जल की कमी की समस्या बढ़ती जा रही है।
न जाने कितने ऐसे शहर एवं देश है जहां पानी की इतनी ज्यादा कमी है कि लोगों को अपने घरों से कई किलोमीटर दूर जाकर पानी भरने के लिए एक-दो घंटे कतार में लगे रहना पड़ता है। पानी को लेकर जगह-जगह लोगों के बीच मारपीट तक होने लगती है।
तो वहीं कुछ क्षेत्रों में जल की पर्याप्त उपलब्धता है इसलिए लोग बिना भविष्य के बारे में सोचे अंधाधुंध पानी की बर्बादी करते हैं एवं जल को प्रदूषित करते हैं। हम सभी को समझना चाहिए जल की अहमियत को।
हमें खुद जल को प्रदूषित ना करके बचाना चाहिए और दूसरों को भी यह सलाह देनी चाहिए और जल संरक्षण व संचयन के प्रति सभी को जागरूक करना व बढ़ावा देना चाहिए।
हमारी पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जिसके कारण हम जीवित है इसलिए इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
पानी की कमी के कारण न जाने आज तक कितने हजारों किसानों ने आत्महत्या कर ली क्योंकि पानी ना मिलने पर उनके खेतों में सूखा पड़ जाता है और कोई अनाज नहीं उठता है जिससे उनको जीवन जीने में मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।(Essay On Water Conservation In Hindi)
इसलिए हमें जल की कीमत समझनी चाहिए और सदैव जल को कम खर्च कर बचाने के लिए सोचना चाहिए एवं प्रयास करना चाहिए यह हमारे आने वाली पीढ़ी की सुलभता के लिए उठाया गया बेहद जरूरी कदम है।
जल संरक्षण और संचय क्या ?
संरक्षण का अर्थ है बचाव या हिफाजत करना और संचय का अर्थ है एकत्रित या इकट्ठा करना। जल संरक्षण का तात्पर्य जल की बर्बादी को रोकने से है। पानी की कमी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी का संरक्षण व संचय जरूरी कार्य है।पानी संचय करके हम लंबे समय तक पानी की कमी से छुटकारा पा सकते हैं।
जल संरक्षण एवं संचय करने के उपाय:-
जलसंरक्षण उपाय हम लोगों द्वारा अपनाई गई पानी बचत की बेहतर आदतों से ही संभव है। हम अपने जीवन शैलियों में थोड़ा सुधार करकेपानी की बचत कर सकते हैं। संरक्षण एवं संचय केनिम्न उपाय;-
जल का आवश्यकतानुसार तथा कम ही उपयोग करें।
देश के सभी औद्योगिक कंपनियों,फैक्टरियों, अस्पतालों व बिल्डिंगों में जल प्रबंधन व्यवस्था की जानी चाहिए।
जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए लोगों को बताना चाहिए कि पानी कमी के कारण कितनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जल संरक्षण अभियान को बढ़ावा देना चाहिए।
वर्षा का पानी इकट्ठा करके संरक्षित करना चाहिए।
छतों पर वर्षा का जल एकत्रित होने की व्यवस्था करनी चाहिए।
पानी संचय के लिए प्रत्येक स्थान पर छोटे पोखर बनाने चाहिए।
बागानों में नियमित ही पानी देना चाहिए।
पानी टंकियों व पाइपों से पानी रिसाव को रोकना चाहिए।
अधिक से अधिक पौधे लगाए जाने चाहिए जिससे पृथ्वी को नमी मिले।
सब्जी एवं फलों को खुले नालों में ना भूल कर एक बर्तन में धोना चाहिए।
स्वच्छ जल को पीने एवं पकाने के लिए ही इस्तेमाल करें।
नदियों के किनारे बांधा या जलाशय बनाए जाएं।
पाइपों की जगह बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें।
कपड़े धोने के लिए मशीन का इस्तेमाल करें क्योंकि मशीन मेंकपड़े धोने से पानी कम खर्च होता है।
शौच के लिए कम पानी का उपयोग करें।
नदियों को साफ सुथरा एवं प्रदूषण मुक्त रखना चाहिए।
नालों के पानी को एकत्रित कर सिंचाई में लगाना चाहिए।
जिन जगहों पर पानी जमा हो या बहता रहता हो उसी स्थान पर पानी को संरक्षित कर देना चाहिए।
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संरक्षण एवं संचय की आवश्यकता(Essay On Water Conservation In Hindi)
हर मौसम में वर्षा नहीं होती बल्कि वर्षा होने का एक निश्चित अंतराल है। परंतु जल की आवश्यकता तो सदैव बनी रहती है इसलिए वर्षा जल को इकट्ठा कर संरक्षण करना आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्रों के किसान अक्सर वर्षा पर निर्भर होते हैं और गांवों में पानी व बिजली की कमी भी होती है इसलिए किसान वर्षा के जल को संरक्षित कर लेते हैं किसी पोखर या तालाब में, जिससे आवश्यकता तक काम चलता रहे।
यह उपाय पानी की कमी को पूरा करने में बेहद कारगर है।यह समस्या किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की है इसलिए हम सबको मिलकर इसके लिए समाधान खोजना चाहिए।जल संकट को कम या खत्म किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा जल का संरक्षण करके गिरते भूजल स्तर को रोक सकते हैं।

विश्व भर मे मानव के प्रति जल का अस्तित्व
वर्ष 2050 तक नदियों में जल अभाव उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। विश्व में कुल 350 मिलियन क्यूबिक में पानी की मात्रा है जिसमें प्रतिशत हिस्सा समुद्र का है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने बताया है कि आने वाले वर्ष 2025 तक भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता घट कर 1465 क्यूबिक मीटर हो जाएगी।
पृथ्वी का 71% स्थान जल से घिरा हुआ है परंतु इसमें प्रयोग जल की मात्रा 2 से 3% ही है।
एक व्यक्ति एक दिन में लगभग 240 लीटर पानी खर्च करता है जिसमें वह खाने पकाने के लिए कुछ ही प्रतिशत पानी का उपयोग करता है बाकी का पानी वह नहाने, शौच, छिड़काव, कपड़े व बर्तन धोना तथा अन्य कामों में व्यय करता है। सोचिए अगर यही पानी हम रोजाना बचाए तो कितना सारा पानी बचा सकते हैं।
दिल्ली के अधिकतर क्षेत्रों में भूजल स्तर नीचे गिर रहा है जिसके कारण पेयजल आपूर्ति में भी संकट आ रहा।
होली के दौरान ढाई से 300000 लीटर पानी देशभर में बर्बाद किया जाता है जो कि यह मात्रा 50-60 हजार लोगों के पेयजल का हिस्सा है।
बहोत सारे औद्योगिक क्षेत्रों में काफी मात्रा में पानी दूषित किया जाता है और रोजाना कई लीटर पानी नालियों में पाया जाता है।
प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुनिश्चित स्थान पर वर्षा जल को जमा कर संचय किया जाना संभव है। इस जल का प्रयोग आप कृषि एवं इमारतों के निर्माण जैसे कार्यों में कर सकते हैं।इस प्रक्रिया से हमस्वच्छ जल का बचाव कर सकते हैं।
जल संरक्षण एवं संचय के प्रति जल विभाजक प्रबंधन की महत्वता
दो नदियों के अपवाद को परस्पर अलग करने की प्रक्रिया जल विभाजक कहलाती है और जल विभाजक रेखाओं के द्वारा जल बहाव अथवा प्रवाह की निर्धारित/सुनिश्चित दिशा के अंतर्गत आने वाले भौगोलिक प्रदेश का प्रबंधन ही ‘जल-विभाजक प्रबंधन’ कहलाता है। जल विभाजक एक भौगोलिक इकाई है जो सामान बिंदु की तरफ जल प्रवाह की दिशा को निर्धारित करता है।
विश्व जल दिवस:-
जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य बारिश के पानी के भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए जलवायु परिस्थितियों और उप समतल क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बारिश का पानी संरक्षित करना है।
देश भर में हजारों बड़े बांध तथा मिलियन संख्या में कुएँ मौजूद हैं। मानसून के समय इन सब में पानी संरक्षित व संचय किया जा सकता है।
पानी की एक बूंद भी अहम है हम सभी को एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पानी संरक्षण के प्रति प्रतिज्ञा लेनी चाहिए और लोगों में भी इस मुद्दे पर प्रचार करना चाहिए।(Essay On Water Conservation In Hindi)
2021 का विश्व जल दिवस थीम–‘पानी का महत्व’।
जल शक्ति अभियान :-
वर्षा जल संचयन के लिए इस अभियान की शुरुआत 22 मार्च 2021 से की गई जो कि 30 नवंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत देश के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लोगों को जल बचाकर भविष्य को बेहतर करने के प्रति जागरूकता फैलाए जाएगी।
बारिश के पानी का भंडारण को संरक्षित करना इसका उद्देश्य है। इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में लांच किया जाएगा।
अनुमान के अनुसार 2050 का पृथ्वी पर पानी की कमी का बड़ा संकट उत्पन्न होने हो सकता है इसलिए यह अभियान चलाया गया है। जिससे समय रहते इस संकट से छुटकारा पाया जा सके।
जल बचाओ अभियान:-
यह अभियान भी जल संग्रह करने के लिए शुरू किया गया है जिससे लोगों को यहध्यान दिलाया जा सके कि वह पानी की कितनी ज्यादा बर्बादी कर रहे हैं जो कि उनके खुद के भविष्य के लिए भी खतरा है। उनको जल बचाने के लिए प्रयास व उपाय करने चाहिए। अभियान में प्रतिवर्ष जलस्तर घटने के विषय में चर्चा की गई और बताया गया है कियह चिंता का विषयहै। हालांकि हम सब मिलकर इसे बचाने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
नारा-‘जल बचाओ, जीवन में खुशहाली लाओ’।
जल संरक्षण एवं संचय ना करने के दुष्प्रभाव व परिणाम
भारत के राजस्थान में पानी की बहुत ही ज्यादा कमी है इसके लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है ना जाने कितनी लड़कियों को इसी वजह से विद्यालय नहीं भेजा जाता क्योंकि सुबह के समय वह पानी भरने जाती हैं उनको कतार में लगना होता है और इन्हीं सब वजह से बच्चियां अपना शिक्षा अधिकार खो देती हैं।
स्वच्छ पानी ना मिलने की वजह से ना जाने कितने लोग बीमार पङ कर मर जाते हैं।
पृथ्वी पर जल स्तर दिन-ब-दिन घटता ही जा रहा है। यदि हम आज इसे बचाने के लिए प्रयास नहीं करेंगे तो आने वाली आने वाले भविष्य में हम सब को पानी की किल्लत होगी जिस वजह से लोग प्यास से मारने लगेंगे और अंत में मानव का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
इसलिए इस मुद्दे को गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है।तो चलिए हम सब मिलकर पानी संरक्षित करने के प्रति उपाय करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त जल की सौगात देते हैं.(Essay On Water Conservation In Hindi)
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काजल पांडेय affairsworld में एक लेखिका हैं जिनको बिज़नेस , जीवनी आदि जैसे विषय के बारे में जानकारी तथा ३ वर्षो का अनुभव भी है।