Delhi to Ayodhya Bullet train Project– दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन
अयोध्या का नाम सुनते ही सबसे पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का की छवि आंखों के सामने आती हैं। पुरातन काल में अयोध्या के राजा रहे भगवान रामचन्द्र ने आदर्श रामराज्य की स्थापना करके दुनिया को सुशासन का पाठ पढ़ाया।
वर्ष 2019 में पूर्व सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट जजों की पीठ ने 100 से भी अधिक वर्षों से चले आ रहे राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हुए वहां मंदिर निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। वहीं बाबरी मस्जिद का दावा करने वाले पक्षकारों को अयोध्या के समीप मस्जिद निर्माण के लिए अलग से भूमि प्रदान की गई। इस प्रकार लंबे समय से चले आ रहे विवाद राम मंदिर विवाद पर लगा प्रश्नचिन्ह हट गया है।
राम मंदिर निर्माण से अयोध्या में विकास की लहर
कलयुग में भी भगवान राम की कृपा अयोध्या पर बरस रही है। जब से उच्चतम न्यायालय ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया है तब से अयोध्या और अयोध्यावासियों पर नवनिर्माण की कृपा जारी है। पिछले कुछ दिनों स्थानीय सरकारों से लेकर केन्द्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या पर विकास की गंगा बहाई जा रही है।
हाल ही में Rail Corporation Limited से आ रही खबरों की माने तो दिल्ली से अयोध्या की 670 किलो मीटर की दूरी जिसे अभी रेल से तय करने में 10 घंटे खर्च करने होते थे, उसे अब 2 घंटों में यह किया जा सकेगा Dehi to Ayodhya bullet train के द्वारा । विश्व पर्यटन को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल दिल्ली से अयोध्या के बीच बुलेट चलाने की योजना तैयार कर रहा है।
दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन से जुड़ेगी अयोध्या(Delhi Ayodhya bullet train route)
रेल प्रशासन से आ रही खबरों की माने तो दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन भी भारतीय बुलेट ट्रेन योजना में शामिल किया जा चुका है। यह बुलेट ट्रेन देश की राजधानी दिल्ली से रामनगरी अयोध्या तक चलेगी। केन्द्रीय सरकार की यह योजना अयोध्या में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। ताकि बाहरी देशों से आने वाले विदेशी पर्यटकों आसानी से अयोध्या तक पहुंच सकें।
पिछले दिनों अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रस्तावित होने के बाद यह अयोध्या को मिलने वाली एक बड़ी योजना है। अयोध्या को बुलेट ट्रेन सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ेगी(delhi to ayodhya bullet train)।
जब दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट बन कर तैयार हो जायेगा तो इस इस दूरी को मात्र दो घंटों से पूरा करने में सक्षम होगी।
70 एकड़ जमीन को NOC का इन्तजार:- दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए
खबरों की माने तो बीते शुक्रवार को भारतीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन का एक प्रतिनिधि मंडल बुलेट ट्रेन की जगह का मुआयना करने के लिए अयोध्या पहुंची। जहां उन्होंने ने प्रस्तावित मर्यादा पुरुषोत्तम राम अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक लगभग 70 एकड़ जमीन को बुलेट ट्रेन स्टेशन, यार्ड तथा आवासीय सुविधाओं के लिए निर्धारित किया। एयरपोर्ट प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित भूमि को जैसे ही NOC प्रदान किया जाएगा उसके बाद आगे की योजना दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का खाका तैयार होगा।

बता दें कि दिल्ली से अयोध्या तक चलने वाली बुलेट ट्रेन का मार्ग प्रस्तावित दिल्ली से वाराणसी बुलेट ट्रेन मार्ग से अलग होगा। माना जा रहा है कि दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन (delhi to ayodhya bullet train ) को लखनऊ गोरखपुर बायपास के समीप से निर्मित किया जाएगा। वहीं बुलेट ट्रेन प्राधिकरण की मानें तो बुलेट ट्रेन योजना का सार्वजनिक ढांचा कुछ दिनों में सार्वजनिक किया जाएगा। लेकिन प्राधिकरण अयोध्या दिल्ली बुलेट मार्ग के दिल्ली वाराणसी बुलेट मार्ग से अलग होने की बात से इनकार नहीं करता है।
5 लाख करोड़ की लागत का अनुमान
बता दें कि 941 किलोमीटर लंबी दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन योजना आगरा लखनऊ और प्रयागराज से होते हुए गुजरेगी। लेकिन लखनऊ से अयोध्या की 130 किमी दूरी तय करने के लिए एक अलग ट्रैक तैयार किया जाएगा। जो दिल्ली को सीधे अयोध्या से जोड़ेगा। बता दें कि यह प्रोजेक्ट निर्माण में 5 लाख करोड़ की लागत का अनुमान है। यदि कार्य बिना किसी रुकावट के चला तो दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन (delhi to ayodhya bullet train ) प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगभग 7 साल का समय लगेगा।
चुनाव से पहले राजनीति की बुलेट ट्रेन है क्या दिल्ली अयोध्या बुलेट ट्रेन ?
2022 के शुरुआत महीनों में उतर प्रदेश की मौजूदा विधानसभा अपना कार्यकाल समाप्त कर रहीं हैं। यानि अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोजित किये जाने हैं। ऐसे में विपक्षी दलों ने सवाल खड़े करके राजनीतिक गर्माहट को बढ़ा दिया है।
AIMIM के प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी का कहना है कि यूपी की जनता को बुलेट ट्रेन से ज्यादा रोजगार की आवश्यकता है। ऐसे में योगी सरकार को बुलेट ट्रेन से ऊपर रोजगार पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि बुलेट ट्रेन के माध्यम से योगी सरकार मात्र अपने कार्यकाल की नाकामियों को छुपाना चाहती है। यदि सरकार वास्तव में विकास के प्रतिबद्ध होती तो उनके कार्यकाल के दौरान किसानों को गन्ना के मूल्य और युवाओं को रोजगार के लिए नहीं तरसना पड़ता।
वहीं कांग्रेस का मानना है कि हर बार की तरह इस बार भी बुलेट ट्रेन मात्र एक चुनावी जुमला होने वाला है। कांग्रेस ने यहां तक कहा कि बीजेपी की राजनीति का प्रोपेगैंडा ही जुमला बाजी करना है। कौन नहीं चाहता उत्तर प्रदेश और अयोध्या में बुलेट ट्रेन चले लेकिन सरकार अपने बकाया को लेकर परेशान किसानों तथा रोजगार के नाम पर पुलिस की लाठियां खाते किसानों के बारे में सोचना चाहिए।
अपने आप को घिरता देख बीजेपी ने भी अपना बचाव करते हुए कहा कि हम अयोध्या को भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में टूरिज्म हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। जो बात विपक्षी दलों को हजम नहीं हो रही है। पिछले कई कार्यकालों में मुख्यमंत्री अयोध्या की तरफ देखते नहीं थे। जब योगी आदित्यनाथ सरकार इसके लिए दृढ़ निश्चयी है।
स्व. कल्याण सिंह के नाम पर अयोध्या में होगा मार्ग
हाल ही में उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और दिग्गज बीजेपी नेता का उत्तरप्रदेश के लखनऊ में निधन हो गया। वह बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। तथा राम मंदिर निर्माण आंदोलन के सक्रिय सदस्य भी रहे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में राम मंदिर तक जाने वाली सड़क का नाम स्व. कल्याण सिंह जी के नाम पर रखने की बात कही। इसके अलावा उत्तरप्रदेश के पांच बड़े शहरों में भी सड़कों का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर किया जाएगा।
मुंबई से अहमदाबाद देश की पहली बुलेट ट्रेन
भारत में हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन द्वारा 2023 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड व्यापारिक कॉरिडोर का निर्माण करेगी। जिससे देश की आर्थिक राजधानी को व्यापारियों का केन्द्र कहे जाने गुजरात से और सुगमता से जोड़ा जा सकेगा।
इस परियोजना की नींव 2017 के अंत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा जापान के तात्कालिक राष्ट्रप्रमुख शिंजो आबे द्वारा रखी गई थी। बता दें कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान ने भारत को लोन के रूप में आर्थिक सहायता तथा तकनीक प्रदान की है।
300 किमी प्रति घंटा की रफ्तार होगी देश के पहली बुलेट ट्रेन की
508 किलो मीटर तक बिछाई जाने वाली इस परियोजना में गुजरात और महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान का भी एक बड़ा हिस्सा शामिल किया जा रहा है। रफ्तार की बात की जाए तो इस रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन की गति लगभग 300 किमी प्रति घंटा मापी जा रही है। इसकी निर्माण लागत की बात की जाए तो इसमें लगभग 1.10 लाख करोड़ तक का खर्च आने का अनुमान है। इस ट्रेन में 10-16 डिब्बे होंगे तथा मार्ग में 11 स्टेशनों पर इसका ठहराव होगा।
दिल्ली से अयोध्या की दूरी है ?
दिल्ली से अयोध्या की दूरी 687.3 किलोमीटर है।
दिल्ली से अयोध्या बुलेट ट्रेन बनने में कितना समय लगेगा ?
दिल्ली से अयोध्या का बुलेट ट्रेन बनने में 7 साल लगेंगे।
2023 तक पहली बुलेट ट्रेन की आस
बता दें कि इस परियोजना को 21 किमी भूमिगत सुरंगों से, 7 किमी समुद्री जल तथा अन्य दूरी स्थल मार्ग से तो की जाएगी। इस परियोजना को 2023 तक पूर्ण किया जाना है। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण का कार्य जारी तथा कुछ हिस्सों में अधिग्रहण के बाद भूमि परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। हालांकि अब तक कई विवादों के चलते इस परियोजना का कार्य लंबित होता है। ऐसे में 2023 तो देश को पहली बुलेट ट्रेन मिलने में बाधा आ सकती है।
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