माना जाता है 26 नंबवर 2008 को था होटल समेत मुंबई में हुए हमले, 2008 के में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट हमले हमले का ही हिस्सा थे।
नवंबर 2008 में पाकिस्तान स्थित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 दहशतगर्दों ने मुंबई में चार दिन तक कई समूह फायरिंग और बम विस्फोटों को अंजाम दिया।
इन हमलों की वैश्विक रूप में कड़ी निंदा देखने को मिली।
26 नवंबर 2008 से 29 नवंबर 2008 तक चले, इन हमलों में लगभग 200 मासूम लोगों की मौत हो गई और कम से कम 300 मासूम लोग घायल हो गए।

Attacks of 26/11 full story hindi
मुंबई स्थित,लियोपोल्ड कैफे,छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज महल पैलेस होटल, ओबेराय ट्राइडेंट, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस आदि स्थानों पर 26 नंबवर की रात से 28 नंबवर की सुबह तक कई सिलसिलेवार धमाके तथा हथियारों से हमले जारी रहे।
इस दौरान बमबारी तथा गोलीबारी के साथ साथ लोगों को बंधक बनाकर रखने की घटनाएं सामने आई।
घटना को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के 10 चरमपंथियों ने एके-47, RDX, IED, ग्रेनेड समेत कई अन्य विनाशकारी हथियारों का प्रयोग किया।
क्या थे 26/11 हमले के कारण?
11 जुलाई 2006 मुंबई के माहिम स्टेशन पर एक ट्रेन के कोचों में 13 सिलसिलेवार बम धमाकों समेत मुंबई में कई जगहों पर आतंकी हमले हुए.
जिसमें 257 मासूम लोगों की जानें गईं और लगभग 700 मासूम घायल हो गए। माना जाता है कि ये हमलें 1993 बाबरी मस्जिद विध्वंस के बदले में थे।
6 दिसंबर 2002 को, घाटकोपर स्टेशन के पास एक BEST बस में हुए एक विस्फोट में दो लोग मारे गए और 50 मासूम घायल हो गए।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 10वीं वर्षगांठ पर बम विस्फोट हुआ था।
मुंबई में विले पार्ले स्टेशन के पास एक साइकिल बम विस्फोट हुआ, जिसमें 27 जनवरी 2003 को एक की मौत हो गई और 28 मासूम लोग घायल हो गये।
13 मार्च 2003 को, 1993 बंबई बम विस्फोट की 10वीं वर्षगांठ के एक दिन बाद, मुलुंड स्टेशन के निकट एक ट्रेन डिब्बे में एक बम विस्फोट हुआ.
जिसमें 10 मासूम लोग मारे गए और 70 मासूम घायल हो गए। 28 जुलाई 2003 को, घाटकोपर में एक BEST बस में एक विस्फोट में 4 मासूम मारे गए और 32 मासूम घायल हुए।
25 अगस्त 2003 को, दक्षिण मुंबई में दो बम विस्फोट हुए, एक गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास और दूसरे कलबादेवी के झवेरी बाज़ार में।
जिसमें कम से कम 52 मासूम मारे गए और 300 मासूम घायल हुए। Attacks of 26/11 full story hindi
Reason behind 26/11 Attack
11 जुलाई 2006 को मुंबई में उपनगरीय रेलवे में 11 मिनट के भीतर सात बम विस्फोट हुए, 22 विदेशियों सहित 35 लोग मारे गए।
और 700 से अधिक मासूम घायल हुए। मुंबई पुलिस के अनुसार, बम विस्फोट लश्कर-ए-तैयबा और स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) द्वारा किया गया था। Attacks of 26/11 full story hindi
यह नियमित अंतराल से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हो रहे हमलों की एक कड़ी की रूप में 26/11 का हमला माना जाता है।
90 के दशक में जब भारत में सांप्रदायिक तनाव चरम पर था तभी कुछ राजनीतिक दलों तथा हिंदू संगठनों ने मिलकर विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया।
जिससे देश-विदेश के मुस्लिम समुदाय में असहिष्णुता उत्पन्न हुई। जिससे कहना गलत नहीं होगा कि यह हमले इन्हीं सांप्रदायिक टकरावों की ही परिणति थे।
पाकिस्तान में हुई आतंकियों की ट्रेनिंग
मुंबई में 26/11 के हमलों को अंजाम देने के लिए लगभग दो दर्जन आतंकवादियों के एक समूह को पाक अधिकृत कश्मीर स्थित मुज़फ्फराबाद के पहाड़ी इस्लाके में एक दूरदराज के शिविर में समुद्री युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया।
इसके अलावा इस समूह को बरगलाने के लिए तथा सांप्रदायिक तनाव को जिंदा रखने के लिए, इन दहशतगर्दों को, आतंकी समूह ने इस्लामी विचारों को अपने ढंग से सिखाते थे।
इसके अलावा भारत, फिलिस्तीन और विश्व भर में पीड़ित मुसलमानों के चित्रों का प्रयोग करके भावनाओं को भड़काया जाता था।Attacks of 26/11 full story hindi
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पाकिस्तान सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों द्वारा ट्रेनिंग
इसके साथ ही मनसेहरा के निकट एक शिविर में उन्नत कॉम्बैट प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए चुना गया, रिपोर्ट्स बतातीं है कि इस शिविर में पाकिस्तान सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों की निगरानी में उन्नत हथियार और विस्फोटक प्रशिक्षण शामिल हैं, साथ ही सर्वाइवल प्रशिक्षण और आगे की शिक्षा भी दी जाती थी।
अंत में, मुंबई को निशाना बनाने के लिए दहशतगर्दों के एक छोटे समूह को चयनित किया गया।
जिन्हें कमांडो रणनीति प्रशिक्षण और समुद्री नेविगेशन ट्रेनिंग के लिए चुना गया और उन्हें फिदायीन यूनिट को सौंपा गया।
आतंकवादियों से, 10 को मुंबई मिशन के लिए चुना गया था। उन्हें तैराकी और नौकायन में प्रशिक्षण दिया गया।
साथ ही एलईटी कमांडरों की देखरेख में हाई एंड हथियारों और विस्फोटकों के इस्तेमाल भी सिखाया गया।
उन्हें सभी चार लक्ष्यों के खाके दिए गए थे – ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस।Attacks of 26/11 full story hindi
हमले की भयानक रात
तारीख 26 नवंबर 2008 समय रात्रि 8 बजे, मुंबई के कुलाबा तट पर दो ट्यूबनुमा नावों पर 10 लोग दो टुकड़ों में दाखिल हुए।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर दो बंदूकधारी, इस्माइल खान और अजमल कसाब ने हमला किया था।
कसाब को बाद में पुलिस ने जिंदा पकड़ा और चश्मदीदों ने उसकी पहचान की।
हमले लगभग 21:30 बजे शुरू हुए जब दो लोग यात्री हॉल में प्रवेश कर गए, उन्होंने एके -47 राइफल्स का उपयोग करते हुएअचानक गोलियां बरसाना शुरू कर दिया।
हमलावरों ने 58 लोगों की जानें लीं और 104 लोग घायल हो गए।
ये हमला रात करीब पौने ग्यारह के आसपास खत्म हुए। इस दौरान सुरक्षा बल और आपातकालीन सेवाओं ने शीघ्र ही पहुंचे, रेलवे घोषणकर्ताओं ने घोषणा कर, यात्रियों को स्टेशन छोड़ने के लिए सतर्क किया और कई ज़िंदगी बचायीं।
दोनों बंदूकधारी घटनास्थल से भाग गए और सड़कों पर पैदल चलने वालों और पुलिस अधिकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें आठ पुलिस अधिकारी शहीद हो गए। Attacks of 26/11 full story hindi
लियोपोल्ड कैफे़
लियोपोल्ड कैफे़, दक्षिण मुंबई में कुलाबा कॉजवे पर एक लोकप्रिय रेस्तरां और बार, हमले का निशाना बनने वाली साइटों में से एक था।
दो हमलावर आतंकी, शोएब उर्फ सोहेब और नाज़िर ऊर्फ अबू उमेर ने 26 नवंबर की शाम कैफ़े पर फायरिंग कर दी, जिसमें कुछ विदेशियों सहित कम से कम 10 मासूम मारे गए, और कई लोग घायल हो गए। Attacks of 26/11 full story hindi
टैक्सियों में बम विस्फोट
टाइमर बम के कारण दो टैक्सियों में विस्फ़ोट हुए थे।
विले पार्ले में पहली बार 10:40 पर जिसमें ड्राइवर और मासूम यात्री मारे गए, दूसरा विस्फ़ोट वाडी बंदर में 10:20 और 10:25 के बीच हुए।
टैक्सी के चालक सहित तीन मासूम लोग मारे गए, और लगभग 15 अन्य घायल हुए।Attacks of 26/11 full story hindi
ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट
हमले में ताज होटल की पहली मंजिल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी। दो होटल, ताज महल पैलेस होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट, चार लक्षित स्थानों में से थे।
ताज होटल में छः विस्फोटों की सूचना दी गई थी – लॉबी में एक, लिफ्ट में दो, रेस्तरां में तीन और ओबेरॉय ट्राइडेंट में एक।
ताज में, फायर ब्रिगेड ने पहली रात के दौरान सीढ़ी के उपयोग से 200 बंधकों को खिड़की से बचाया।Attacks of 26/11 full story hindi
नरिमन हाउस
नरीमन हाउस, कुलाबा में एक यहूदी केंद्र, जिसे मुंबई चाबाद हाउस के रूप में जाना जाता है, दो हमलावरों ने कब्ज़ा कर लिया था और कई निवासियों को बंधक बना लिया।
पुलिस ने आसपास की इमारतों को खाली किया और हमलावरों के साथ मुठभेड़ की।
स्थानीय निवासियों को अंदर रहने के लिए कहा गया हमलावरों ने एक ग्रेनेड को पास के लेन में फेंक दिया, जिससे कारण कोई हताहत नहीं हुआ। Attacks of 26/11 full story hindi
एनएसजी कमांडो दिल्ली से आए और नौसेना के हेलीकॉप्टर ने हवाई सर्वेक्षण किया। पहले दिन के दौरान, 9 बंधकों को पहली मंजिल से बचाया गया था।
अगले दिन, एनएसजी कमांडो ने हेलीकॉप्टर से छत पर फास्ट रोपिंग करके अन्दर घुस गए। उन्हें आसपास के भवनों में स्थित स्नाइपर द्वारा कवर किया गया।
लंबी लड़ाई के बाद, एक एनएसजी कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट जी शहीद हुए और दोनों दहशतगर्द अपराधी मारे गए।Attacks of 26/11 full story hindi
एनएसजी के छापे
हमलों के दौरान दोनों होटल रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मियों और समुद्री कमांडो और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कमांडो से घिरे हुए थे।
जिससे होटल के फ़ीड अवरुद्ध कर दिया गया था। सुरक्षा बल पर हमला किया और 29 नवंबर की सुबह तक सभी 9 हमलावरों की मौत हो गई थी।
कमांडो सुनील यादव के बचाव के दौरान एनएसजी के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन भी शहीद हुए, जिनको ताज में बचाव कार्य के दौरान गोली लग गयी थी ।
ओबराय ट्राइडेंट में कुल 32 मासूम लोग मारे गए थे।Attacks of 26/11 full story hindi
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