क्यों है आर्टिकल 15 और 25 को लेकर विवाद?
राजनीति समाज को एक आयाम देती है। अच्छी राजनीति अच्छे समाज की रचना करती है और बुरी राजनीति बुरी समाज की रचना करती है। (Article 15 and 25 of Indian Constitution)
बात कर रहे हैं भारत की राजनीति की जहां दिन प्रतिदिन विपक्षी पार्टियों के बीच कोई ना कोई विवाद उत्पन्न होता है।कभी किसान बिल को लेकर कभी एनआरसी को लेकर तो कभी डीजल और गैस के दामों को लेकर ऐसे ही अनुच्छेद 25 और 15(Article 15 and 25 of Indian Constitution) को लेकर विपक्ष गणों में राजनीति गरमाई।
जानिए क्या है पूरा मामला- (Article 15 and 25 of Indian Constitution)
मध्यप्रदेश में नीमच से एक आदिवासी युवक को सड़क पर गसीटने का वीडियो सामने आया उसके साथ अभद्र व्यवहार किया।
दूसरी ओर उज्जैन में एक कबाड़ वाले को जबरन जय श्री राम बोलने का वीडियो कल रात ट्विटर कल राहुल गांधी ने शेयर किया।
और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों की आजादी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल खड़े करें उन्होंने कहा कि क्या आर्टिकल 15 और 25 बेच दिए गए हैं।
ऐसी दुर्घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि राजनीति मे मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है जिसको लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा।
सोमवार को राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया और का और और कहा कि लिया क्या आर्टिकल 25 और 15 भी बिक गए हैं, भेज दिए गए हैं।
जो वीडियो साझा किया गया, उसमें यहां नजर आता है कि एक युवक सड़क किनारे सो रहा था उसको हाथों से और बेल्टों से लोग पीट रहे हैं।
वहा काफी लोगों की भीड़ इकट्ठे हो गई।यह स्पष्ट आर्टिकल 15 का उल्लंघन है।वहीं दूसरी और उज्जैन में कबाड़ वाले को जबरन लोगों ने घेर कर उसके साथ बदसलूकी करी और उसको जय श्री राम बोलने पर मजबूर किया।
जय श्रीराम के नारे लगवाए यह स्पष्ट ही आर्टिकल 25 का उल्लंघन है।
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जानिए क्या है आर्टिकल 15-
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 के अंतर्गत राज्य किसी भी व्यक्ति के इन 5 कारणों से किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
समाज के सभी व्यक्तियों को एक समान समझा जाएगा जाती, उसकी नस्ले रंग,धर्म,लिंग,जन्म स्थान इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा।
ध्यान दें – सभी सार्वजनिक स्थान पर कुएं तालाब, सामाजिक मॉल ,पार्क ,सीमा घर, रेस्टोरेंट इत्यादि समाज के सभी वर्गों के लिए खुले रहेंगे।
अनुच्छेद 15 (3) लेकिन राज्य चाहे तो महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान कर सकेगा।
अनुच्छेद 15(4) लेकिन राज्य चाहे तो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए लोगों के लिए शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था कर सकेगा। (Article 15 and 25 of Indian Constitution)
अनुच्छेद 15(5) इसके तहत उन शिक्षण संस्थाओं में समाज के पिछड़े लोगों के के हेतु है। आरक्षण की व्यवस्था की गई है।अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार निहित है।
अनुच्छेद 25 यह प्रावधान करता है कि सभी व्यक्तियों को लोग व्यवस्था, सदाचार तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपने अपने धर्म को मानने तथा उनका प्रचार और प्रसार करने का अधिकार प्राप्त होगा।
ध्यान दे- इस अनुच्छेद में इस बात का भी उल्लेख है कि राज चाहे तो धर्म परिवर्तन पर रोक लगा सकता है इन दो आधारो पर किसी के दबाव में,आर्थिक प्रलोभन से धर्म परिवर्तन करने पर। (Article 15 and 25 of Indian Constitution)
ध्यान दें -इस अनुच्छेद में इस बात का भी उल्लेख है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म के अनुरूप आचरण करने का अधिकार होगा।
ध्यान दें -जैनों में प्रचलित संथारा अनुच्छेद 21 का उल्लंघन नहीं है क्योंकि यहां अनुच्छेद 25 में उल्लेखित धर्म के अनुरूप आचरण है।
ध्यान दें -सिखों के द्वारा कृपाण को धारण करना भी अनुच्छेद 25 में उल्लंघन के धर्म के अनुरूप आचरण है। भारतीय संविधान में हमारे मौलिक अधिकारों को पूर्ण ध्यान में रखते हुए हैं।
हर व्यक्ति को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार दिया गया है वहीं दूसरी ओर समाज के उच्च वर्गों द्वारा किया जाने वाला शोषण समाज के निम्न वर्गों पर इतना बढ़ गया है कि सियासत भी गरमा गई है और भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया। (Article 15 and 25 of Indian Constitution)
डॉक्टर बी आर अंबेडकर का कहना था कि यह कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर देनी चाहिए।
भारत एक लोकतांत्रिक राज्य है जहां राज्य जनता का सेवक और रक्षक होता है, परंतु जनता के साथ ऐसे व्यवहार से उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है राजनीति में यह कोई पहली बार नहीं है जब मानवता का हनन हुआ।
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