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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 (निबंध, भाषण)

Posted on September 9, 2021September 9, 2021 by affairssworld

BRICS क्या है?


BRICS विश्व के 5 देशों की उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण समूह अथवा संघ है जिसे शीर्षक ब्रिक्स नाम से सम्बोधित व सम्मानित किया गया।

इसमें 5 घटक राष्ट्र भारत, रूस, ब्राजील तथा साउथ अफ्रीका शामिल है। इन्हीं राष्ट्रों के नामों के पहले अक्षरों को उठाकर ब्रिक्स का नाम दिया गया।

B से ब्राजील, Rसे रूस, Iसे इण्डियातथा S का संबंध साउथ अफ्रीका से है। रूस के अलावा चारों सदस्य राष्ट्र विकासशील अथवा नव औधोगीकृत देश है और इनकी अर्थव्यवस्था तेजी के साथ बढ़ रही।

इन राष्ट्रों का महत्वपूर्णप्रभाव वैश्विक एवं क्षेत्रीय मामलों पर है।ब्रिक देश के आर्थिक विकास को मापने और तुलना करने के उद्देश्य से एक संगठित एक समूह है।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021

स्थापना, उद्देश्य व पहला शिखर सम्मेलन


BRICS एक आर्थिक संगठन है जिसे वाणिज्य एवं व्यापार को गति प्रदान करने, वैश्विक स्थिरता, विकास और सहयोग के उद्देश्य से बनाया गया है


BRIC शब्द का प्रयोग सन 2001 में गोल्डमैन सैक्स के जिम ओ नील द्वारा पहली बार किया गया और उन्होंने इसका प्रस्ताव दिया था।

उनका अनुमान था कि सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था व्यक्तिगत वक्त सम्मिलित रूप से आने वाले भविष्य में बहुत अधिक महत्वपूर्ण बनने वाली है और आने वाले अगले 50 वर्षों में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगी।


ब्रिक्स का पहला औपचारिक शिखर सम्मेलन 16 जून, 2001 को रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ था.

जिसकी अध्यक्षता में मनमोहन सिंह (भारत),लुइजइनासियो लूला डासिल्वा(ब्राजील), दिमित्री मेदवेदेव (रुस)और हू जिन्ताओ (चीन) समेत चार देश शामिल थे.

इस सम्मेलन का उद्देश्य व मुद्दा वैश्विक आर्थिक स्थिति तथा वित्तीय संस्थानों में सुधार लाना था।


ब्रिक्स की पहली बैठक जुलाई, 2006 को जी8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान सेंट पीटर्सबर्ग में भारत, रूस और चीन के नेताओं की बैठक के बाद हुई थी।


2006 में ब्रिक का औपचारिक गठन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुआ जिसमें ब्रिक के विदेश मंत्री मौजूद थे।

इसी वर्ष सितंबर माह में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र विधानसभा की आम बहस के दौरान ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक में पहली बार ब्रिक समूह को औपचारिक रूप दिया गया था।

शिखर सम्मेलन 16 जून 2009 कोयेकातेरिनबर्ग,रूस में पूर्ण पैमाने पर आयोजित हुआ था। 2009 में भारत में पहली मेजबानी नई दिल्ली में आयोजित पहली ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अकादमिक फोरम की बैठक में की थी।


इस स्थापना का उद्देश्य संबंधित देशों के आर्थिक आधार पर संबंध बनाना, लाभकारी विकास के साथ-साथ अन्य अलग देशों के बीच सहयोग को व्यापक स्तर पर बढ़ाना था।

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स्थापना के बाद संघ ने अपने उद्देश्यों व गतिविधियों को और आगे बढ़ाया।

इस उद्देश्य में विशेष रूप से संघ के नियमित बैठकों का आयोजन कराना, अपने सदस्यों के बीच बहु-क्षेत्रीय सहयोग के लिए एजेंट का निर्माण करना तथा अंतरराष्ट्रीय संगठन में समन्वयक की भूमिका निभाना इत्यादिशामिल था।


सन 2008 तथा 2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान इस समूह का मुख्य उद्देश्य आर्थिक एवं वित्तीय मामलों में सहायता तथा नीति समन्वय व राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देना था।2009 के बाद से ही ब्रिक्स की प्रति वर्ष बैठक होती है।
सन 2012 में भारत ने BRICS सम्मेलन में पहली मेजबानी की थी।

सदस्यता :-


सन 2010 में दक्षिण अफ्रीका द्वारा ब्रिक ग्रुप में शामिल होने का प्रयास आरंभ हो गया था। जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका आमंत्रित किया गया.

ब्रिक्स का औपचारिक सदस्य बनने के लिए तथा वर्ष के दौरान ही अगस्त माह में औपचारिक रूप से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 24 दिसंबर 2010 को दक्षिण अफ्रीका को इस संघ मेंशामिल कर लिया गया.
BRICS digital health शिखर सम्मेलन के दौरान भारत कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न चुनौतियों के विषय में चर्चा की गई थी.

तो वहीं ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों ने ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार अथवा दक्षता को बढ़ाने के वचन दिए थे.


आयोजन वर्ष व अध्यक्षता


ब्रिक्स देशों के सर्वोच्च नेताओं तथा मंत्री स्तरीय सम्मेलन का वार्षिक आयोजन किया जाता है और इसकी अध्यक्षता इसके नाम के अक्षर यानी B-R-I-C-S क्रमानुसार सदस्य देशों के सर्वोच्च नेताओं द्वारा की जाती है।

पिछलेBRIC शिखर सम्मेलन, सदस्य व लक्ष्य


जुलाई, 2006 में जी8आउटरीचsummit के दौरान पहली बार ब्रिक देशों के नेताओं की रूस के पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई थी।


2011 सान्या(चीन) में हुए तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका ने भाग लिया था।


25 से 27 जुलाई 2018 को दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में 10वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हुआ था।

2018 के सम्मेलन का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक सहयोग से संबंधित क्षेत्रों पर विचार विमर्श करने का प्रयास करना था।


2019 में यानी 11वीं ब्रिक्स आयोजन के दौरान व्यापार मंत्रियों की बैठक में कॉमर्स के व्यावसायिक सेवाओं तथा उपभोक्ता संरक्षण में व्यापार पर सहयोग के नए क्षेत्रों की ओर ध्यान दिया गया।


नवंबर 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसकी मेजबानी रूस ने की थी आयोजन वर्चुअल मोड पर किया गया था.

इस आयोजन के दौरान पहली बार ऐसा हुआ कि भारत के PM और चीन के राष्ट्रपति बलवान घाटी प्रकरण के बाद एक साथ एक मंच पर आमने-सामने आए।


अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत, चीन, ब्राजील तथा रूस 2050 तक निर्मित वस्तुओं, कच्चे माल तथा सेवाओं के प्रमुख आपूर्ति कर्ता बनकर उभरेंगेजिसका कारण इन देशों का कम श्रम और उत्पादन हो सकता है।


2011 में पांचसदस्यीय पहला ब्रिक्स सम्मेलन हुआ था।
13 से 14 नवंबर 2019 को ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ था।

ब्रिक्स के वित्तीय संरचना


ब्रिक्स की वित्तीय संरचना बनाने के दो मुख्य घटक है पहला आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (CRA) तथा दूसरा ब्रिक्स विकास बैंक (NDB) है।

सन 2014 में दोनों घटकों की व्यवस्थापन के लिए संधि में हस्ताक्षर किया गया था इसके बाद 2015 में यह पूर्ण रूप से सक्रिय हो गए थे।


भारत द्वारा ब्रिक्स New Development Bank(NDB) के लिए संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश तथा उरुग्वे का स्वागत किया गया था।


BRICS के पांचो राष्ट्र दुनिया भर की लगभग 42% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह सभी राष्ट्र संयुक्त विदेशी मुद्रा भंडार में 4 खरब यूएस डॉलर योगदान करते हैं।

इन राष्ट्रों का सकल घरेलू उत्पाद 15 खरब यूएस डॉलर है।BRICS संघ वैश्विक जीडीपी में 23% योगदान करते हैं एवं विश्व व्यापार में लगभग 18% हिस्सा देते हैं।

इस हिस्से को आर एस नाम से जानते हैं क्योंकि इनकी मुद्रा का नाम आर से ही शुरू होता है।


अर्थव्यवस्था- 42% आबादी, विश्व जीडीपी 23%,विश्वव्यापार16 से 17% के बीच ब्रिक्स वैश्विक आर्थिक विकास का मुख्यलक्ष्य है।

ब्रिक्स की संयुक्त अर्थव्यवस्था के अनुसार 2015 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25% तथा 2020 तक 33% बढ़ने का अनुमान लगाया गया था।


NDB की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वित्त-व्यापार, विज्ञान और तकनीक, स्वास्थ्य, कृषि-संचार, श्रम प्रमुख क्षेत्रों मे सहयोग व सुधार विश्व व्यापार के आंकड़ों से पता चलता है

कि 2001 से 2011 के बीच ब्रिक्स की भागीदारी वैश्विक निर्यात में 8% से 16% यानी 2 गुना हो गई थी और निर्यात में 500% से अधिक वृद्धि हुई।

इसी अवधि के दौरान 195% वैश्विक निर्यात बढ़ गया।2002 से 2012 के मध्य ब्रिक्स देशों द्वारा आपसी व्यापार में 27 अरब अमेरिकी डॉलर जितनी वृद्धि हुई, जबकि 2010 से 2012 के मध्य ब्रिक्स का इंटरनेशनल व्यापार 29% बढ़ा था।

ब्रिक्स का क्षेत्रफल व जनसंख्या


ब्रिक्स का संयुक्त क्षेत्रफल 31,746,220 किलोमीटर है और कुल जनसंख्या लगभग 3 दशमलव 21 अरब अथवा विश्व भूमि सत्ता के घेराव का लगभग 27% और विश्व की जनसंख्या का 41.3% है।

दक्षिण अफ्रीका के अलावा बाकी 4 सदस्य देश (ब्राजील,भारत, रूस और चीन)क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से दुनिया के 10 सबसे बड़े देशों में आते हैं तो वहीं दक्षिण अफ्रीका का स्थान 24वां है।


अनुमान अनुसार वर्ष 2019 तक सभी ब्रिक राज्यों की कुल जनसंख्या 3.12 बिलियन निवासियों की थी।

2021 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन


9 सितंबर 2021 को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का तेरहवांआयोजन होने वाला है वर्चुअल मोड से,जिसकी मेजबानी भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

यह भारत की तीसरी मेजबानी होगी। इस सम्मेलन मेंब्राजील के राष्ट्रपति श्री जायर बोल्सनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति श्री सिरिल रामफोसा, चीन के राष्ट्रपति श्रीशी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपतिश्रीव्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे

और साथ ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थाई अध्यक्ष श्री ओंकार केवर, ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की अस्थाई अध्यक्ष डॉ संगीता रेड्डी और न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष श्री मार्कोस ट्रायजो भी होंगे

जिनका काम नेताओं को उनके ट्रैक से जुड़े इस वर्ष किए गए परिणामों की रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।

तेरहवें शिखर सम्मेलन का उद्देश्य व लक्ष्य वैश्विक स्तर पर राजनीतिक व क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा व सहयोग, शांति सुरक्षा बनाए रखने के लिए वैश्विक राजनीतिक विकास, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, आर्थिक व वित्तीय विकास में सहयोग व बढ़ावा, ब्रिक्स कृषि अनुसंधान के मंच का संचालन, डिजिटल स्वास्थ्य पारंपरिक चिकित्सा, आपदा समाधान तथा नवाचार में सहयोगऔर लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देना इत्यादि शामिल हैं।


22 जून 2021 (ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021)को भारत ने ब्रिक्स देशों के सहयोग से ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी।

इस सम्मेलन की योजना भारत का जोर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने, संबंधों को मजबूत बनाने, निरंतरता लाने तथा समिति स्थापित करने के लिए थी।
13वें Summit की Theme –ब्रिक्स@15: निरंतरता, समेकन व आम सहमति के प्रति अंतर-ब्रिक्स सहयोग।

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